अपडेटेड 28 July 2024 at 15:39 IST
Mata Prasad Pandey: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में खाली नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी माता प्रसाद पांडे को सौंपकर 'ब्राह्मण कार्ड' खेल दिया है। उत्तर प्रदेश में उपचुनावों से ठीक पहले अखिलेश यादव ने विधानसभा में माता प्रसाद पांडे को अपनी जगह दी है, जिसके मायने निकाले गए हैं कि सपा मुखिया ने इस फैसले के जरिए 'ब्राह्मणों' को साधने की कोशिश की है।
हालिया लोकसभा चुनावों में कन्नौज सीट से जीते सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सांसद की कुर्सी के लिए विधानसभा की सदस्यता छोड़ दी थी। इसी के साथ यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी भी खाली हो गई, क्योंकि 2022 के विधानसभा चुनाव में मैनपुरी की करहल सीट से विधायक चुने जाने पर अखिलेश यादव ने नेता प्रतिपक्ष के पद को अपने पास ही रखा था। फिलहाल उन्होंने माता प्रसाद पांडे को नेता प्रतिपक्ष का पद देने का फैसला किया है।
माता प्रसाद पांडे विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं। वो अभी इटावा सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक हैं। उनकी गिनती सपा के भीतर सबसे सीनियर नेताओं में होती हैं। फिलहाल माता प्रसाद पांडे विधानसभा में अखिलेश यादव की जगह लेंगे। सूत्र बताते हैं कि अखिलेश यादव और शिवपाल यादव ने माता पांडे के नाम पर सहमति व्यक्त की है।
इसे भी समझना होगा कि बीते कुछ चुनावों में अखिलेश यादव की राजनीति PDA (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) पर केंद्रित रही है। लोकसभा चुनावों में भी जीत के लिए अखिलेश ने पीडीए यानी पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों को साधने का फुल प्रूफ प्लान बनाया था, जो कहीं ना कहीं सफल भी हुआ। क्योंकि लोकसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी यूपी में सबसे बड़ा दल बनकर उभरी और 80 में से 37 सीटों पर फतह हासिल की। फिलहाल अखिलेश ने माता प्रसाद पांडे के सहारे ब्राह्मण कार्ड खेला है।
अखिलेश यादव के PDA फॉर्मूले में जहां, पहले A का मतलब अल्पसंख्यक था, अब इस फैसले से दिखता है कि यहां A का मतलब अगड़ा भी है। और शायद पीडीए (पिछड़ा, दलित और अगड़ा) की राजनीति को आगे बढ़ाते हुए समाजवादी पार्टी ने ब्राह्मण समाज को अपनी तरफ आकर्षित करने की बड़ी पहल कर डाली है। इसको भी समझना होगा कि मनोज पांडे के बागी होने के बाद सपा से एक बड़ा ब्राह्मण चेहरा दूर हो गया था। हालांकि इस जगह को भरते हुए भी वरिष्ठ नेता माता प्रसाद पांडे को सपा ने बढ़ाने की कोशिश की है।
अखिलेश यादव के आज के फैसले में एक और चौंकाने वाली बात दिखी है। क्योंकि जहां PDA में A मतलब अगड़े के रूप में अखिलेश ने माता प्रसाद पांडे को चुन लिया, तो फैसले में A (अल्पसंख्यक) का भी उन्होंने ख्याल रखा है। अखिलेश ने आज के फैसले में दो मुस्लिम चेहरों को भी बड़ी जिम्मेदारी दी। महबूब अली को उन्होंने विधानसभा में अधिष्ठाता मंडल चुना तो कमाल अख्तर को मुख्य सचेतक बनाया गया है।
पब्लिश्ड 28 July 2024 at 15:38 IST