अपडेटेड 25 November 2025 at 13:15 IST

'जैसा सपना देखा, उससे भी सुंदर बना', राम मंदिर पर धर्म-ध्वज फहराने के बाद बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत, किस-किसको किया याद?

Mohan Bhagwat: PM मोदी और RSS प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर के शिखर पर धर्म-ध्वजा की स्थापना की। ध्वजारोहण के बाद भागवत ने कहा कि बहुत से लोगों ने सपना देखा, बहुत से लोगों ने कोशिशें कीं, और बहुत से लोगों ने कुर्बानी दी। आज उनकी आत्माएं तृप्त हुई होंगी।

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RSS Chief Mohan Bhagwat
RSS Chief Mohan Bhagwat | Image: Youtube

Ayodhya Ram Mandir Dhwajarohan 2025: रामभक्तों का इंतजार खत्म हुआ। 25 नवंबर का दिन इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में दर्ज हो गया। अयोध्या के राम मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज लहराया गया है। PM मोदी ने मंदिर के शिखर पर धर्म-ध्वजा की स्थापना की। इस खास मौके पर उनके साथ संघ सरसंघचालक मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद रहीं। ध्वजारोहण के बाद विशेष कार्यक्रम को संबोधित करते हुए RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि जैसा लोगों ने सपना देखा, राम मंदिर उससे भी सुंदर बना है।

‘आज उनकी आत्माएं तृप्त हुई होंगी, जिन्होंने…’

RSS सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा, "बहुत से लोगों ने सपना देखा, बहुत से लोगों ने कोशिशें कीं, और बहुत से लोगों ने कुर्बानी दी। आज उनकी आत्माएं तृप्त हुई होंगी। अशोक जी (अशोक सिंघल) को आज शांति मिली होगी। महंत रामचंद्र दास जी महाराज, डालमिया जी (सीनियर VHP लीडर विष्णु हरि डालमिया) और बहुत से संतों, लोगों और स्टूडेंट्स ने कुर्बानी दी और मेहनत की। जो लोग बैकग्राउंड में थे, वे भी मंदिर बनने की उम्मीद करते रहे। अब मंदिर बन गया है, और आज मंदिर की 'शास्त्रीय प्रक्रिया' भी हो गई है। आज ध्वजारोहण हो गया है।"

आज हमारे संकल्प की पुनरावृत्ति का दिवस है- भागवत

उन्होंने कहा कि रामराज्य का ध्वज जो कभी अयोध्या में फहराता था और संपूर्ण विश्व में सुख शांति प्रदान करता था वो ध्वज आज फिर से नीचे से ऊपर चढ़ता हुआ और अपने शिखर पर विराजमान होता हुआ हमने अपनी आंखों से देखा है। मंदिर बनने में समय लगा, 500 साल छोड़े तो भी 30 साल लगे। धर्मध्वज को शिखर तक पहुंचाना है। आज हमारे संकल्प की पुनरावृत्ति का दिवस है। सबको शांति बांटने वाला, सुफल देने वाला भारतवर्ष हमें खड़ा करना है। जैसा सपना देखा था कुछ लोगों ने, बिल्कुल वैसा और उससे भी अधिक शुभकर यह मंदिर बन गया है।

‘हमें एक ऐसा भारत बनाना है जो…’

मोहन भागवन ने कहा कि हिंदू समाज ने 500 साल में अपनी ओनरशिप साबित की और उसके 30 साल बाद। रामलला यहां आए, मंदिर बना। हमें एक ऐसा भारत बनाना है जो दुनिया को सत्य पर आधारित 'धर्म' दे। हमें एक ऐसा भारत बनाना है जो इस 'धर्म', इस ज्ञान को पूरी दुनिया में फैलाए। इसका प्रोसेस शुरू हो गया है। इस सिंबल (राम मंदिर) को देखकर और इससे इंस्पिरेशन लेते हुए, हमें चैलेंज के बावजूद भी इसके लिए एक साथ काम करते रहना है। दुनिया एक ऐसे भारत की उम्मीद करती है जो दुनिया में हर किसी के लिए खुशी और शांति फैलाए, एक ऐसा भारत जो लोगों को डेवलपमेंट के बारे में सिखाए। यह हमारा फर्ज है। आइए हम श्री रामलला का नाम लें और इस प्रोसेस को तेज करेंगे।

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ध्वज पर बोलते हुए RSS सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा, "कचनार - एक पेड़, जो हर तरह से काम का है, यहां इस्तेमाल किया गया है। 'धर्म जीवन' ऐसा ही जीवन है। हमें ऐसा जीवन जीना है और इस जीवन के झंडे को उसके शिखर तक ले जाना है, चाहे हालात कैसे भी हों, कितनी भी मुश्किलें हों। सूर्य भगवान हर दिन बिना थके पूरब से पश्चिम जाते हैं क्योंकि किसी का कर्तव्य सिर्फ मालिकाना हक से ही पूरा होता है।"

इससे पहले श्रीराम मंदिर परिसर में राम दरबार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, RSS प्रमुख डॉ. मोहन भागवत और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दर्शन-पूजन और आरती की। उन्होंने सप्त ऋषि मंदिर पहुंचकर भी पूजा की थी।

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 25 November 2025 at 13:15 IST