अपडेटेड 19 January 2024 at 13:45 IST

Ayodhya: गले में माला, आंखों पर पीली पट्टी...गर्भगृह से आई श्याम रंग के रामलला की एक और तस्वीर

Ramlala की पहली झलक सामने आई है। आंखों पर पट्टी है और गले में गुलाबों का हार शोभा पा रहा है।

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Ram Lalla Idol in Ayodhya Ram Mandir
रामलला की मूर्ति | Image: Republic

Ramlala First Glimpse: अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा में 3 दिन  पहले 19 जनवरी को रामलला के दर्शन कराए गए। नीले और काले पत्थर से बनी मूर्ति में भगवान का मनोहारी स्वरूप दिखाई दे रहा है। उनकी आंखों पर पट्‌टी है लेकिन 5 साल के रामलला के चारों ओर अद्भुत आभा सबको हर्षित कर रही है।

राम लला का रूप मनोहारी है।  ये खड़ी प्रतिमा है। फिलहाल कमल आसन पर विराजित है। हाथ में धनुष-बाण  है और होंठों पर मंद मुस्कान बिखरी हुई है।

कैसी है श्री रामलला मूर्ति?

इसमें सनातन धर्म के चिह्न बने हैं। हाथों में शंख है और ओम भी है। रामलला के सिर पर भगवान भास्कर की मूर्ति उकेरी गई है। दाएं हाथ से रामलला दर्शनार्थियों को आशीष दे रहे हैं। बाएं हाथ में भगवान धनुष-बाण थामे हैं। मुकुट सोने का दमक रहा है।

22 January को खुलेगी पीली पट्टी

रामलला की आंखों पर लगी पीली पट्‌टी 22 जनवरी को खोली जाएगी। प्रतिमा गर्भगृह में स्थापित है। फिलहाल प्राण-प्रतिष्ठा से जुड़े कर्मकांड चल रहे हैं। इसलिए मूर्ति पहले चादर से आधी ढंकी गई। इसकी एक तस्वीर गुरुवार 18 जनवरी की शाम भी सामने आई। 22 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी रामलला को सोने की सलाई से काजल लगाएंगे। इसके बाद उन्हें शीशा दिखाया जाएगा।

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सोने के सिंहासन पर श्री भगवान

भगवान सिंहासन पर विराजेंगे। सिंहासन पर सोने की परत चढ़ाई जाएगी। मंदिर का शिखर भी सोने का होगा। फिलहाल कार्य प्रगति पर है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद गर्भगृह में भक्त दर्शन करने पहुंचेंगे तो आसन, सिंहासन और रामलला की प्रतिमा की कुल ऊंचाई करीब-करीब 11 फीट होगी। सिंहासन और प्रतिमा की कुल ऊंचाई 8.25 फीट जबकि आसन 3 फीट का है।

योगीराज ने बनाई प्रतिमा

मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने घोषणा की थी कि नई मूर्ति में भगवान राम को पांच साल के बच्चे के रूप में खड़ी मुद्रा में दर्शाया गया है और कहा कि इसे 18 जनवरी को 'गर्भगृह' में 'आसन' पर विराजमान किया जाएगा। इसे बेंगलुरू के अरुण योगीराज ने गढ़ा है। योगीराज मंझे हुए मूर्तिकार हैं। उन्होंने ही केदारनाथ में स्थापित आदि शंकराचार्य की मूर्ति और दिल्ली में इंडिया गेट के पास स्थापित की गई सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा बनाई है। योगीराज ने रामलला की नई मूर्ति बनाने में आई चुनौतियों के बारे में हाल ही में बताया था। कहा, ‘‘मूर्ति एक बच्चे की बनानी थी, जो दिव्य हो, क्योंकि यह भगवान के अवतार की मूर्ति है। जो भी कोई मूर्ति को देखें उसे दिव्यता का एहसास होना चाहिए।’’

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Published By : Kiran Rai

पब्लिश्ड 19 January 2024 at 13:39 IST