अपडेटेड 16 January 2024 at 09:46 IST
Ram Lala प्राण प्रतिष्ठा पूजन विधि आज से, जानें कब बाल रूप में भगवान करेंगे गर्भ गृह में प्रवेश!
Ram Mandir Update: राम लला की प्राण प्रतिष्ठा आज से शुरू हो रही है। मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष चंपत राय ने 22 जनवरी तक क्या और कैसे होगा इसे लेकर विवरण दिया है।

Today in Ayodhya: खरमास खत्म हो गया है। शुभ घड़ी नजदीक आ गई है। रामलला को उनके गर्भ गृह में प्रवेश कराने से पहले विधि विधान से पूजा अर्चना की जाएगी। आज 16 जनवरी से से अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे। पूजन विधि 21 जनवरी तक चलेगी। कब,क्या होगा इसे लेकर चंपत राय ने अपडेट दिया। मूर्ति का वजन 150-200 किलो के बीच होगा।
प्राण प्रतिष्ठा संबंधित आयोजनों का विवरण
रामजन्म भूमि ट्रस्ट की ओर से इन 7 दिनों की पूरी कार्यक्रम शृंखला सामने रखी गई। 16 जनवरी को प्रायश्चित और कर्मकुटी पूजन के साथ आयोजन की शुरुआत होगी। 16 जनवरी 2024 को विग्रह के अधिवास का अनुष्ठान किया जाएगा। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा तक अलग-अलग कर्मकांड किए जाएंगे। मंदिर में भगवान अपने बाल रूप में विराजेंगे। सभी शास्त्रीय प्रोटोकॉल का पालन करते हुए प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम दोपहर में अभिजीत मुहूर्त में आयोजित होगा।
द्वादश अधिवास Protocol:
- 16 जनवरी: प्रायश्चित्त और कर्मकूटी पूजन
- 17 जनवरी: मूर्ति का परिसर प्रवेश
- 18 जनवरी (सायं): तीर्थ पूजन, जल यात्रा, जलाधिवास और गंधाधिवास
- 19 जनवरी (प्रातः): औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास
- 19 जनवरी (सायं): धान्याधिवास
- 20 जनवरी (प्रातः): शर्कराधिवास, फलाधिवास
- 20 जनवरी (सायं): पुष्पाधिवास
- 21 जनवरी (प्रातः): मध्याधिवास
- 21 जनवरी (सायं): शय्याधिवास
चीफ गेस्ट कौन?
प्राण प्रतिष्ठा भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथलऔर अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में आयोजित की जाएगी।
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दर्शन एवं उत्सव
गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम संपन्न होने के बाद सभी साक्षियों को क्रमश: दर्शन होंगे. श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा का उत्साह हर तरफ देखा जा रहा है. इसे अयोध्या सहित पूरे भारतवर्ष में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाने का संकल्प लिया गया है। समारोह की तैयारी के दौरान, विभिन्न राज्यों से लोग लगातार पानी, मिट्टी, सोना, चांदी, रत्न, कपड़े, आभूषण, विशाल घंटियाँ, ड्रम, सुगंध/सुगंधित वस्तुएं आदि लेकर आ रहे हैं। उनमें से सबसे उल्लेखनीय थे माँ जानकी के मायके द्वारा भेजे गए भार (एक बेटी के घर स्थापना के समय भेजे जाने वाले उपहार) जो जनकपुर (नेपाल) और सीतामढ़ी (बिहार) के ननिहाल से अयोध्या लाए गए। रायपुर, दंडकारण्य क्षेत्र स्थित प्रभु के ननिहाल से भी विभिन्न प्रकार के आभूषणों आदि के उपहार भेजे गए हैं।
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Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 16 January 2024 at 08:57 IST