अपडेटेड 23 June 2025 at 17:53 IST

समाजवादी पार्टी अब 'समाप्तवादी पार्टी' बन चुकी है, पार्टी से निकाले जाने के बाद छलका राकेश प्रताप सिंह का दर्द

UP News : सपा ने जिन तीन विधायकों को पार्टी से निकाला है, उन्होंने 2024 के राज्यसभा चुनाव में सपा के खिलाफ BJP के पक्ष में वोट किया था। राकेश प्रताप सिंह ने कहा कि सपा विचारधार से भटक गई है।

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Rakesh Pratap singh statement after expelled from Samajwadi party
पार्टी से निकाले जाने के बाद छलका राकेश प्रताप सिंह का दर्द | Image: Facebook/rpsmlagauriganj

UP Politics : अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (सपा) ने 2024 के राज्यसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पक्ष में क्रॉस-वोटिंग करने और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का हवाला देते हुए तीन विधायकों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इन विधायको में दो क्षत्रिय (ठाकुर) समुदाय से हैं और एक ब्राह्मण हैं।

सपा ने अभय सिंह (गोसाईगंज), राकेश प्रताप सिंह (गौरीगंज) और मनोज पांडेय (ऊंचाहार) को पार्टी से निष्कासित किया है। इनमें अभय सिंह और राकेश प्रताप सिंह क्षत्रिय समुदाय से हैं, जबकि मनोज पांडेय ब्राह्मण हैं। यह कार्रवाई सपा के लिए अनुशासनात्मक संदेश तो देती है, लेकिन क्षत्रिय समुदाय के दो प्रमुख नेताओं का निष्कासन यह सवाल उठाता है कि क्या सपा क्षत्रिय नेताओं को पर्याप्त महत्व दे रही है?

सपा का PDA पर फोकस

वर्तमान में अखिलेश यादव PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की राजनीति कर रहे हैं। राजनीति के जानकार मानते हैं कि इस कार्रवाई से सपा की PDA रणनीति पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि पार्टी का फोकस पिछड़े, दलित, और अल्पसंख्यक वोट बैंक को मजबूत करना है। PDA में क्षत्रिय और ब्राह्मण समुदाय को स्पष्ट रूप से प्राथमिकता नहीं दी गई है। हालांकि, क्षत्रिय समुदाय उत्तर प्रदेश की राजनीति में सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव रखता है। पार्टी के इस फैसले से कुछ क्षेत्रों में आने वाले चुनाव में क्षत्रिय वोटरों के बीच असंतोष हो सकता है।

राकेश प्रताप सिंह का छलका दर्द

पार्टी से निकाले जाने के बाद गौरीगंज से विधायक राकेश प्रताप सिंह ने फेसबुक पर एक लंबा पोस्ट लिखा है। उन्होंने आरोप लगाया कि एक धर्म विशेष को खुश करने के लिए बार–बार धार्मिक भावनाओं को आहत किया जा रहा है। उन्होंने लिखा- "आज दुर्भाग्यवश, समाजवादी पार्टी अपने तुच्छ राजनीतिक स्वार्थों के लिए प्रभु श्रीराम और सनातन धर्म को अपमानित करने से नहीं हिचक रही है। किसी एक धर्म विशेष को प्रसन्न करने की लालसा में, वे बार–बार सनातन पर प्रहार कर रहे हैं, अपशब्द कह रहे हैं और धार्मिक भावनाओं को आहत कर रहे हैं।"

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'विचारधार से भटक गई सपा'

राकेश प्रताप सिंह ने कहा कि समाजवादी पार्टी अब “समाप्तवादी पार्टी” बन चुकी है। उन्होंने सपा पर विचारधारा से भटकने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यह वही पार्टी है, जो कभी डॉ. राममनोहर लोहिया के विचारों की बात करती थी। वही लोहिया जी जो रामायण मेला आयोजित करवाने की बात करते थे, जो भारतीय संस्कृति, परंपरा और धर्म के प्रति समर्पित थे। वे मानते थे कि प्रभु श्रीराम समस्त भारतीय समाज को जोड़ने वाले सांस्कृतिक प्रतीक हैं। लेकिन आज की समाजवादी पार्टी उस लोहिया के विचारों से पूरी तरह भटक चुकी है। आज वही पार्टी राम मंदिर मे प्रभु श्री राम के दर्शन करने पर अपने नेताओं पर प्रतिबंध लगाती है। यह वैचारिक दिवालियापन है।

राज्यसभा चुनाव में की थी क्रॉस वोटिंग

सपा ने जिन तीन विधायक को पार्टी से निकाला है, उन्होंने 2024 के राज्यसभा चुनाव में सपा के खिलाफ BJP के पक्ष में वोट किया था। जिसके बाद BJP नेताओं के साथ करीबियां भी सामने आई थी, लेकिन राज्यसभा चुनाव में 7 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी और कार्रवाई 3 विधायकों पर हुई है।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 23 June 2025 at 16:59 IST