अपडेटेड 23 March 2025 at 11:15 IST
अतीक अहमद के गुर्गे संग मिलकर यूपी का विधायक करता था जबरन जमीन पर कब्जा, पुलिस ने दर्ज की 10 लोगों के खिलाफ FIR
प्रयागराज में अपना दल (एस) के विधायक वाचस्पति समेत 10 के खिलाफ जमीन पर कब्जा जमाने और विरोध करने पर मारपीट का मामला दर्ज किया गया है।
- भारत
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Prayagraj : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अपना दल (एस) के विधायक वाचस्पति समेत 10 के खिलाफ जमीन पर कब्जा जमाने और विरोध करने पर मारपीट का मामला दर्ज किया गया है। इन 10 आरोपियों में एक नाम अतीक अहमद के गुर्गे फहीम का भी शामिल है। इस एफआईआर की कॉपी भी सामने आई है जिसमें माफिया अतीक के गुर्गे फहीम को मामले में सह अभियुक्त बनाया गया है। शाह फैसल नाम के युवक ने विधायक वाचस्पति समेत अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। अपना दल नेता पर जबरन जमीन पर कब्जा करने और विरोध करने पर जान से मारने की धमकी का आरोप है।
अपना दल विधायक पर जमीन पर कब्जा करने के बाद उस पर प्लाटिंग करने का भी आरोप है। किसान ने जब इसका विरोध किया तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई। इतना ही नहीं, उसके घर पर बम फेंकने का भी आरोप है। पुलिस में शिकायत देने के बाद भी जब कार्रवाई नहीं की गई तो उसने अदालत का रुख किया। इसके बाद शुक्रवार को अदालत के आदेश पर विधायक समेत 10 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। यह धूमनगंज थाना क्षेत्र का मामला है।
किसान शाह फैसल ने लगाए ये आरोप
पूरामुफ्ती रसूलपुरी मरियाडिह निवासी किसान शाह फैसल का कहना है कि पोगहट बम्ह्नरौली में उसकी जमीन है जिस पर साल 2017 में बारह विधानसभा के अपना दल (एस) विधायक वाचस्पति और उसके अन्य साथियों ने कब्जा कर लिया। किसान का आरोप है कि सभी 10 आरोपी माफिया अतीक के करीबी रहे हैं। अतीक के नाम पर ही धमकाकर जमीन पर कब्जा किया।
'धोखाधड़ी से करा ली जमीन की रजिस्ट्री'
किसान शाह फैसल ने बताया कि उसकी जमीन की रजिस्ट्री धोखाधड़ी से कराई ली गई। इसकी शिकायत उन्होंने पुलिस में भी की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। किसान ने आगे बताया कि उसे साल 2017 में जमीन पर कब्जे की जानकारी हुई। इसके बाद उसने सीआरओ इलाहाबाद को पत्र देकर जमीन का चिन्हांकन कराया। इसमें पता लगा कि उसकी जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया गया है।
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विरोध करने पर जान से मारने की दी धमकी
शाह फैसल ने यह भी बताया कि आरोपियों ने उसकी जमीन पर निर्माण कार्य शुरू किया था जिसका विरोध करने पर उसे जान से मारने की धमकी दी गई। जब उसने पुलिस में शिकायतें दी तो 28 जुलाई 2022 की रात उसके घर पर बम से हमला भी किया गया। पुलिस को सूचित करने के बाद जान बच पाई थी। हालांकि आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद साल 2024 में लिखित शिकायत दी, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं की गई। 3 फरवरी 2024 में फिर से तहसील दिवस में शिकायत दर्ज करवाई। इसके बाद प्रशासन ने अवैध निर्माण का कार्य रुकवाया।
कोर्ट के आदेश पर जांच में जुटी पुलिस
बता दें कि वाचस्पति, फहीम जैद, उदय यादव, अरविंद कुमार केसरवानी, प्रमोद कुमार केसरवानी, जैद, अमित कुमार शुक्ला, विकास सिंह और एक अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज है। कोर्ट के आदेश के बाद घूमनगंज पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
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Published By : Priyanka Yadav
पब्लिश्ड 23 March 2025 at 09:23 IST