अपडेटेड 31 March 2025 at 21:07 IST

कड़ी सुरक्षा के बीच संभल में ईद की नमाज अदा करने जा रहे लोगों का पुष्पवर्षा करके स्वागत किया गया

संभल में ईद की नमाज अदा करने शाही ईदगाह जा रहे लोगों का सोमवार को पुष्पवर्षा करके स्वागत किया गया और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एकता और भाईचारे का संदेश दिया।

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Eid prayers in Sambhal
Eid prayers in Sambhal | Image: AI

संभल में ईद की नमाज अदा करने शाही ईदगाह जा रहे लोगों का सोमवार को पुष्पवर्षा करके स्वागत किया गया और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एकता और भाईचारे का संदेश दिया।

सामाजिक कार्यकर्ता सईद अख्तर इस्राइली ने अपनी टीम के साथ ना केवल नमाजियों, बल्कि पुलिस और प्रशासनिक कर्मियों पर भी पुष्पवर्षा की।

इस्राइली ने संवाददाताओं से कहा, “एकता और भाईचारा को बढ़ावा देने के लिए यह पहल की गई है। जिस तरह से हमने भाईचारा बढ़ाने के लिए होली के दौरान गुलाल और पिचकारी बांटी, उसी तरह आज हमने नमाजियों और अधिकारियों पर पुष्पवर्षा की। हमारा देश गंगा-जमुनी तहजीब वाला देश है जहां सभी धर्म के लोग मिलकर त्योहार मनाते हैं। हमने शांति, समृद्धि और बेरोजगारी से राहत के लिए प्रार्थना की।”

ईद का त्यौहार भारी सुरक्षा के बीच मनाया गया। संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा कि इस जिले में सुबह साढ़े दस बजे 100 से अधिक मस्जिदों और ईदगाहों पर शांतिपूर्ण तरीके से नमाज पढ़ी गई।

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उन्होंने कहा, “हमने पीएसी की 10 कंपनियां और त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) की एक कंपनी तैनात की थी। इसके अलावा, शांतिपूर्ण नमाज संपन्न कराने के लिए स्वयंसेवक और ड्रोन भी लगाए गए थे। नमाज के बाद लोग शांतिपूर्ण ढंग से अपने घरों को लौटे। नवरात्र के लिए भी विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं।”

समाजवादी पार्टी के नेता और संभल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने सड़क पर नमाज पढ़ने पर रोक लगाए जाने की आलोचना करने के साथ वक्फ विधेयक को लेकर भी विरोध जताया।

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शाही ईदगाह पर नमाज के बाद बर्क ने देश को ईद की बधाई दी और एकता की अपील की।

उन्होंने कहा, “आज देशभर में करोड़ों लोगों ने ईद की नमाज अदा की। मैं हर किसी को इसकी हार्दिक बधाई देता हूं और हमारे लोगों, हमारे समाज और देश की प्रगति की कामना करता हूं।”

सड़कों पर नमाज पढ़ने पर रोक के बारे में पूछे जाने पर बर्क ने इस कदम की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “हमारा संविधान धर्मनिरपेक्ष है और हर धर्म को अपने त्योहार मनाने की स्वतंत्रता देता है। जब दूसरे धर्मों के आयोजन सड़कों पर हो सकते हैं तो 10 मिनट की नमाज पर रोक क्यों। यह दोहरा मापदंड है।”

बर्क ने वक्फ विधेयक के बारे में कहा कि पूरा समुदाय इस विधेयक के खिलाफ है। उन्होंने कहा, “मैं अपनी पार्टी के सदस्यों के साथ इस विधेयक का विरोध करूंगा।”

उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान भड़की हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे।

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 31 March 2025 at 21:07 IST