Published 10:48 IST, September 1st 2024
पिंजरे में रंगीन गुड़िया, ऊपर मूत्र का स्प्रे; बहराइच में भेड़ियों के लिए वन विभाग ने बिछाया जाल
जिन रास्तों पर भेड़ियों का आना-जाना है उन रास्तों पर छोटे बच्चों के कद के बराबर की गुड़ियां रखी जा रही है और उनपर बच्चों के मूत्र छिड़के जा रहे हैं।
Operation Bhediya: उत्तर प्रदेश का बहराइच जिला इन दिनों भेड़ियों के खौफ में है। यहां भेड़िए आदमखोर हो गए हैं और अबतक 9 लोगों को अपना निवाला बना चुके हैं। मरने वालों में 8 बच्चे शामिल हैं। भेड़ियों को पकड़ने के लिए वन विभाग की 25 टीमें दिन रात गश्त दे रही हैं। 6 में से 4 भेड़ियों को वन विभाग की टीम ने पकड़ लिया है, लेकिन दो आदमखोर अभी भी आसपास के 30 गांवों में दहशत मचाए हुए हैं।
वहीं वन विभाग ने भेड़ियों को पकड़ने के लिए अब अपनी रणनीति बदल दी है। अमूमन जिन रास्तों पर भेड़ियों का आना-जाना है उन रास्तों पर छोटे बच्चों के कद के बराबर की गुड़ियां रखी जा रही है और उनपर बच्चों के मूत्र छिड़के जा रहे हैं।
जानिए गुड़ियों पर क्यों छिड़के जा रहे बच्चों के मूत्र
प्रभागीय वन अधिकारी (DFO) अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि पिंजरों में बच्चों जैसी दिखने वाली रंग बिरंगी गुड़ियों को रखा गया है। गुड़ियों पर बच्चों के मूत्र छिड़के जा रहे हैं। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि भेड़ियों में सूंघने की शक्ति इंसानों से 100,000 गुना अधिक होती है। उन्होंने आगे बताया कि पिंजरों को इस तरह से बनाया गया है कि भेड़ियों को देखकर ऐसा लगे कि कोई बच्चा बैठा या सो रहा है। ऐसे में जैसे ही खूंखार जानवर पास आएगा, उसे पकड़ लिया जाएगा।
आसमान से भी हो रही निगरानी, जानिए क्या बोलीं रेनू सिंह
फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की एडिशनल प्रिंसिपल चीफ कंसर्वेटर रेनू सिंह ने कहा कि भेड़ियों के ठिकानों और गांव तक पहुंचने वाले रास्तों की पहचान की जा रही है। वन विभाग ने अपनी रणनीति बदल दी है। उनका पूरा ध्यान जल्द से जल्द उन्हें पकड़ने के लिए पूरे रास्ते की निगरानी पर है।
हाथी के मल-मूत्र का भी हुआ था प्रयोग लेकिन...
शुरुआती दिनों में वन विभाग ने इन भेड़ियों को भगाने के लिए हाथी के गोबर और यूरिन का उपयोग कर रही थी। ताकि, आदमखोर भेड़ियों को ये लगे कि यहां आसपास हाथी का मौजूदगी है और वो इलाके को छोड़कर भाग जाएं। हालांकि वन विभाग की ये स्ट्रेटजी काम नहीं आ पाई।
Updated 10:48 IST, September 1st 2024