अपडेटेड 29 April 2025 at 13:28 IST
Noida: इकेबाना सोसायटी में घर के बाहर बना मंदिर, दुकानदारों और निवासियों के बीच विवाद, नोएडा प्राधिकरण से नहीं मिली है मंजूरी
नोएडा के सेक्टर 143 स्थित गुलशन इकेबाना सोसायटी में मंदिर बनने पर वहां के रहने वाले लोगों और दुकानदारों में विवाद हो गया।
- भारत
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नोएडा के सेक्टर 143 स्थित गुलशन इकेबाना सोसायटी में मंदिर बनने पर वहां के रहने वाले लोगों और दुकानदारों में विवाद हो गया। बिल्डर प्रबंधन ने नोएडा प्राधिकरण की मंजूरी के बिना मंदिर बनाने की बात कही है। आपको बता दें कि जहां मंदिर बनवाया गया है वह फायर पाथवे है। निवासियों का कहना है सोसायटी कैंपस में मंदिर नहीं है। बीते कई सालों से प्रबंधन से मंदिर बनाने का अनुरोध किया गया लेकिन पूरा नहीं हुआ। सोसायटी के रहने वाले लोगों की मानें तो जिस जगह पर मंदिर बनाया गया है वहां 60 फीट चौड़ी जगह है। जबकि मंदिर सिर्फ 10 फीट के एरिया में बनाया गया है। यहां फायर पाथवे नहीं है। सोसायटी की जगह पर ही मंदिर बनाया गया है। वहीं दुकानदारों का कहना है कि अगर बिल्डर से जमीन चिन्हित कर सोसायटी परिसर में मंदिर बनवाया जाता तो वो बेहतर होता।
दुकानदारों का कहना है कि मंदिर बनने से कई चीजें और खाद्य पदार्थ ऐसे हैं जिनपर भविष्य में पाबंदी लगाई जा सकती हैं। ऐसे में उनकी दुकानदारी प्रभावित होगी। निवासियों के मुताबिक बिल्डर पर प्राधिकरण का 45 करोड़ रुपए से अधिक बकाया है। नया प्लान कोई मंजूर नहीं हो सकता है। इसी की वजह से वहां की रजिस्ट्रियां भी अटकी हुई हैं।
क्या कहना है के गुलशन ग्रुप के फसिलिटी हेड का
गुलशन ग्रुप के फसिलिटी हेड संजीव वोहरा ने बताया कि जहां मंदिर बना है वो फायर पाथवे है। प्राधिकरण द्वारा लेआउट प्लान में जहां मंदिर बनाने की अनुमति मिलती है वहां वो मंदिर बनाने को तैयार है। फिलहाल पुलिस ने विवाद को शांत करा दिया है। सवाल है कि आस्था पर हर किसी को विश्वास है। लेकिन क्या रातों रात किसी भी जगह कोई भी मंदिर बना देगा? सवाल ये भी है कि मंदिर बनाने के लिए क्या नियम तोड़े जाएंगे? दुकानदारों का कहना है कि वो आस्था या मंदिर के खिलाफ नहीं है लेकिन अगर मंदिर नियम के तहत बने तो कोई आपत्ति नहीं है।
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Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 29 April 2025 at 13:08 IST