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अपडेटेड April 3rd 2024, 14:15 IST

मुख्तार अंसारी साहब की मिट्टी... यूपी पुलिस के सिपाही ने माफिया की मौत पर किया पोस्ट; सस्‍पेंड

मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को मौत के बाद सुपुर्द ए खाक किया जा चुका है। उसकी मौत के बाद से माफिया के पक्ष और विपक्ष में लोग पोस्ट करने में जा रहे हैं।

Reported by: Ankur Shrivastava
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Mukhtar Ansari Death
Mukhtar Ansari Death | Image: PTI

मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को मौत के बाद सुपुर्द ए खाक किया जा चुका है। उसकी मौत के बाद से सोशल मीडिया पर माफिया के पक्ष और विपक्ष में लोग पोस्ट करने में जुटे हैं। लेकिन कई जगह पुलिस विभाग में कार्यरत कर्मी भी वर्दी की सीमा लांघकर मुख्तार के पक्ष में पोस्ट करते नजर आए। ऐसा ही केस चंदौली में नजर आया, जहां एसपी ने सख्ती दिखाते हुए सस्पेंड कर दिया है।

चंदौली में पुलिस लाइन में तैनात एक कांस्टेबल आफताब आलम ने अपने फेसबुक अकाउंट पर अंसारी के पक्ष में लिखा और उसे "मसीहा" करार दिया। चंदौली के अपर पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार सिंह ने बताया कि सिपाही आफताब आलम ने ऐसा करके प्रदेश पुलिस की सोशल मीडिया नीति और राज्य सरकार के आचरण नियमों का उल्लंघन किया है। इस वजह से उसे पुलिस अधीक्षक ने निलंबित कर दिया है और उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू की गई है।

आफताब आलम ने पोस्‍ट में क्या लिखा

मूल रूप से बलिया निवासी सिपाही अफताब चंदौली में पुलिस लाइन में तैनात है। मुख्तार के निधन के बाद जनाजे में उमड़ी भीड़, मिट्टी दिए जाने सहित अन्य फोटो और वीडियो शेयर करते हुए सिपाही ने बाहुबली को याद किया। उसने शायरी की कुछ लाइन भी लिखी। इसके बाद से पुलिस विभाग की तरफ से ऐक्शन लिया गया।

लखनऊ में भी एक सिपाही ने डाला था स्‍टेटस

इसी तरह लखनऊ में यूपी पुलिस के कॉन्स्टेबल फयाज खान ने माफिया मुख्तार अंसारी के समर्थन में अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर लगाकर शेयर कर दिया। फयाज के स्टेटस में मुख्तार अंसारी को 'शेर- ए-पूर्वांचल' की उपाधि देकर अलविदा लिखा गया था। इस बीच किसी ने कॉन्स्टेबल के व्हाट्सएप स्टेटस का स्क्रीनशॉट लेकर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। जिसके बाद सीनियर अधिकारी हरकत में आ गए। फैयाज की पोस्ट वायरल होने के बाद स्थानीय अधिकारियों ने उसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसे मौजूदा तैनाती से हटाकर पुलिस लाइन भेज दिया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण फैयाज के निलंबन के लिए चुनाव आयोग से अनुमति मांगी गई है।"

गौरतलब है कि बांदा जेल में बंद अंसारी की गत 28 मार्च को बांदा मेडिकल कॉलेज में हृदय गति रुकने से मौत हो गई थी। अंसारी के परिवार के सदस्यों ने उसकी मौत के कारणों पर संदेह जताते हुए दावा किया था कि उसे जेल के अंदर 'धीमा जहर' दिया गया था। हालांकि प्रशासन ने इस आरोप को गलत बताया है।

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पब्लिश्ड April 3rd 2024, 14:15 IST