अपडेटेड 29 March 2024 at 11:52 IST
दुनिया समझ रही थी कश्ती भंवर में है...जब बिना नाम लिए मुख्तार अंसारी ने CM योगी को दिया था चैलेंज!
सीएम योगी का नाम लिए बिना मुख्तार अंसारी ने प्रयागराज की सेशन कोर्ट में कहा- 'तूफान कर रहा था मेरे अज्म का तवाफ, दुनिया समझ रही थी कश्ती भंवर में है।'
- भारत
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Mukhtar Ansari: गैंगस्टर मुख्तार अंसारी मौत की नींद सो चुका है। 28 मार्च को बांदा जेल में उसे दिल का दौरा पड़ा। उसे मेडिकल कॉलेज ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पूरे यूपी में एहतियातन धारा 144 लागू कर दी गई है।
हर तरफ सिर्फ मुख्तार के दहशत की कहानियां चर्चा में हैं। उसके खौफ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कर्फ्यू के समय में भी वो हथियार लेकर खुली जीप में घुमता था। उसके काफिले को रोकने की हिम्मत किसी में नहीं थी। यहां तक की सरकारें भी उसके खिलाफ बोलने से डरती थीं। वो जब चाहता हथियार लहरात और जब चाहता गोली चला देता। किसी को भी धमकी देने या चुनौती देने में मुख्तार को देर तक नहीं लगती थी।
जब बिना नाम लिए सीएम योगी को दिया चैलेंज
मुख्तार अंसारी इतना बेखौफ था कि एक बार उसने अदालत में ही सीएम योगी (CM Yogi) को खुला चैलेंज दे दिया था। सीएम योगी का नाम लिए बिना मुख्तार अंसारी ने प्रयागराज (Prayagraj) की सेशन कोर्ट में कहा- 'तूफान कर रहा था मेरे अज्म का तवाफ, दुनिया समझ रही थी कश्ती भंवर में है।' ये वाक्या उस समय का है जब पुलिस उसे कोर्ट में पेशी के लिए लाई थी।
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मुख्तार अंसारी दरअसल इस शेर के जरिए ना सिर्फ अपने समर्थकों बल्कि विरोधियों को भी एक मैसेज भेजा था। इस शेर का मतलब जानने के बाद आप समझ जाएंगे कि वो कहना क्या चाहता था। शेर में इस्तेमाल हुए शब्दों में अज्म का मतलब हौसला, तवाफ का मतलब परिक्रमा और भंवर का मतलब मुश्किल से है।
इसका मतलब मुख्तार ये कहना चाहता था कि तूफान के समय कश्ती लिए समंदर में जा रहा एक शख्स इतना हिम्मती है कि तूफान उसकी परिक्रमा कर रहा है, यानी उसको पूजनीय समझ रहा है। दूर देखने वालों को लग रहा है कि ये आदमी तूफान में फंस गया है और शायद डूब जाएगा।
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वो आखिरी बार जब प्रयागराज लाया गया था मुख्तार
मुख्तार के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की प्रयागराज इकाई ने मार्च 2020 में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। इस मामले में मुख्तार के साथ उसके बेटे अब्बास व साले सरजील उर्फ आतिफ के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। कोर्ट ने मुख्तार को 14 दिसंबर 2022 को ईडी की कस्टडी रिमांड पर भेजा था। 23 दिसंबर को ईडी की अर्जी पर पांच दिन का रिमांड और बढ़ाया गया। 28 दिसंबर को रिमांड पूरी होने पर कोर्ट ने वापस बांदा जेल भेजने का आदेश दिया।
कोर्ट परिसर से निकलते वक्त मीडियाकर्मियों के पूछने पर मुख्तार ने पहले तो बोलने पर पाबंदी होने की बात कहकर चुप्पी साध ली। हालांकि, कुछ देर बाद उसने मुस्कुराते हुए उसने एक शेर पढ़ा, जो चर्चा का विषय बन गया था। उसके इस अंदाज के कई मायने निकाले गए। यह आखिरी बार था, जब मुख्तार प्रयागराज लाया गया।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 29 March 2024 at 11:32 IST