अपडेटेड 13 January 2025 at 08:04 IST

Mahakumbh 2025: भारत में आज से 'महाकुंभ' की गूंज, फिरंगियों के जुबां पर भी 'जय श्री राम', CM योगी ने दी बधाई

आज से प्रयागराज में महाकुंभ शुरू हो रहा है जिसका समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन होगा। इस खास मौके पर सीएम योगी ने श्रद्धालुओं को पौष पूर्णिमा की बधाई दी।

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Mahakumbh 2025
Mahakumbh 2025 | Image: x/ani

CM Yogi Wished Mahakumbh 2025 : आज यानि 13 जनवरी से प्रयागराज में महाकुंभ शुरू हो रहा है जिसका समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन होगा। इस खास मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं को पौष पूर्णिमा की बधाई दी।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने सुबह-सुबह उठकर देशवासियों को पौष पूर्णिमा की बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर ट्वीट कर लिखा, 'पौष पूर्णिमा की बधाई। विश्व के विशालतम आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक समागम 'महाकुंभ' का आज से तीर्थराज प्रयागराज में शुभारंभ हो रहा है। अनेकता में एकता की अनुभूति के लिए, आस्था एवं आधुनिकता के संगम में साधना एवं पवित्र स्नान के लिए पधारे सभी पूज्य सन्तों, कल्पवासियों, श्रद्धालुओं का हार्दिक स्वागत है। माँ गंगा आप सभी की मनोकामना पूर्ण करें। महाकुंभ प्रयागराज के शुभारंभ एवं प्रथम स्नान की मंगलमय शुभकामनाएं। सनातन गर्व-महाकुंभ पर्व।'

विदेशी श्रद्धालुओं पर चढ़ा भक्ति का रंग

महाकुंभ पर्व को लेकर लोगों में बेहद उत्साह है। प्रयागराज में संगम की रेती पर लगने वाले दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक जमावड़े में देश से ही नहीं बल्कि विदेश से भी श्रद्धालु शामिल होने पहुंचे हैं। यहां पहुंचे विदेशी मेहमानों की जुबां पर भक्ति का रंग चढ़ा हुआ है। वह संगम में पवित्र डुबकी लगा रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें यहां आकर भक्ति से जुड़ाव महसूस करना अच्छा लगता है। इतना ही नहीं कई लोगों के लिए यह एकदम नया अनुभव भी है।

पौष पूर्णिमा से महाकुंभ का आगाज

महाकुंभ सोमवार यानि आज पौष पूर्णिमा के पावन मौके पर पहले प्रमुख स्नान (शाही) अनुष्ठान के साथ शुरू हो जाएगा। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम स्थल पर होने वाले आस्था के इस महा आयोजन में अगले 45 दिनों के दौरान अध्यात्म के अनेक रंग बिखरते नजर आएंगे। जानकारी है कि पहले स्नान पर लगभग 1 करोड़ श्रद्धालु संगाम में डुबकी लगा सकते हैं। आज से ही श्रद्धालु 45 दिन का कल्पवास शुरू करेंगे।  

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इस महाकुंभ 144 सालों बाद बना दुर्लभ संयोग

दरअसल, महाकुंभ 12 सालों में एक बार आता है। लेकिन इसे लेकर संतों का दावा है कि इस आयोजन के लिए खगोलीय परिवर्तन और संयोजन 144 सालों के बाद हो रहे हैं जो इस मौके को कहीं ज्यादा शुभ बना रहे हैं। महाकुंभ में शामिल होने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। श्रद्धालुओं का आंकड़ा महाकुंभ की आध्यात्मिक भव्यता की कहानी बयान करता दिखाई दे रहा है।

संगम नगरी में सुरक्षा को लेकर कड़े बंदोबस्त

महाकुंभ में 40 से 45 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। यूपी सरकार और प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर कडे इंतजाम किए हैं। प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के मुताबिक, महाकुंभ मेला क्षेत्र में 55 से अधिक थाने स्थापित किए गए हैं। वहीं लगभग 45 हजार पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाया गया है। चौराहों और तिराहों पर बैरिकेड लगाए गए हैं, जो भीड़ की आवाजाही को नियंत्रित करने में मददगार साबित होंगे। संगम क्षेत्र में 30 से ज्यादा पंटून पुल भी नदी के एक छोर से दूसरे छोर तक लोगों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए तैयार किए गए हैं। 

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महाकुंभ 2025 क्यों है अहम?

इस साल का महाकुंभ मेला इसलिए अहम है क्योंकि यह जनवरी 2024 में अयोध्या में भगवान राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद आयोजित होने वाला पहला कुंभ मेला है। महाकुंभ 2025 में अखाड़ा क्षेत्र में अखाड़ों समेत अलग-अलग संगठनों के शिविर पूरी भव्यता से स्थापित किए गए हैं। यहां शिविरों को बड़ी ही खूबसूरती से डिजाइन किया गया है। इसके अलावा एंट्री गेट अपने अनूठे और विषयगत डिजाइनों से सुर्खियां बटोर रहे हैं। मेला क्षेत्र में थीम वाले एंट्री गेट आश्चर्यजनक होने के अलावा पहचान के चिह्न (Mark) के तौर पर काम आएंगे। इतना ही नहीं, यह एंट्री गेट तीर्थयात्रियों को विशिष्ट संगठनों का पता लगाने और उन तक पहुंचने में मदद कर रहे हैं।

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Published By : Priyanka Yadav

पब्लिश्ड 13 January 2025 at 06:32 IST