अपडेटेड 2 October 2025 at 15:19 IST
UP: बहराइच में आदमखोर भेड़िए के बाद कुशीगर में सियार के मुंह लगा 'खून', तीन घंटे तक मचाया तांडव; 12 से ज्यादा लोग जख्मी
उत्तर प्रदेश कुशीनगर के खड्डा इलाके में गुरुवार की सुबह दहशत फैल गई। करदह और हथिया गांव में सुबह सात से दस बजे के बीच एक खूंखार सियार ने आतंक मचा दिया।
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Kushinagar News: उत्तर प्रदेश कुशीनगर के खड्डा इलाके में गुरुवार की सुबह दहशत फैल गई। करदह और हथिया गांव में सुबह सात से दस बजे के बीच एक खूंखार सियार ने आतंक मचा दिया। अलग-अलग हमलों में नौ ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो गए। सियार ने अचानक हमला कर लोगों को बुरी तरह घायल किया। महिलाएं, बुजुर्ग और नौजवान सभी इसका शिकार बने। इस घटना ने गांव में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि सुबह घर से बाहर निकलना अब बेहद खतरनाक हो गया है।
हथिया गांव के उदयभान ने बताया, “मैं चौराहे पर खड़ा था, सियार अचानक मुझ पर टूट पड़ा… हाथ बुरी तरह काट डाला। किसी तरह जान बचाई।” घायल बिंदा देवी ने कहा, "मैं खेत जा रही थी… पीछे से हमला हुआ… नाक का हिस्सा काट लिया और नथ जबड़े में दबोच ली। मदद करने पहुंचे पति और बेटी पर भी हमला हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सियार गांव की गलियों में बेरहमी से घूम रहा था और हर किसी पर हमला कर रहा था। ग्रामीणों ने हड़कंप मचाने के बाद पुलिस और वन विभाग को तुरंत सूचना दी।
घायलों का हाल,अस्पताल में जारी इलाज
घायलों को जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तुर्कहा में भर्ती कराया गया। घायलों में हथिया गांव के सत्येंद्र यादव, संदीप यादव, किस्मती, जंगली और करदह गांव के कोईदी, उदयभान, रोशनी, अरविंद भारती, अभिषेक, बिंदा और रमाशंकर शामिल हैं। कई घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि समय पर इलाज न मिलने पर हालत और बिगड़ सकती थी।अस्पताल में मरीजों की देखभाल के लिए डॉक्टर और स्टाफ तैनात हैं। घायलों की सुरक्षा और इलाज में प्रशासन पूरी तरह जुटा हुआ है। ग्रामीणों ने कहा कि इस घटना ने उनकी रोजमर्रा की जिंदगी को असुरक्षित बना दिया है।
वन विभाग की कार्रवाई और सुरक्षा की मांग
वनक्षेत्राधिकारी अमृता सिंह ने बताया कि विभाग हालात पर नजर रख रहा है। घायलों का इलाज जारी है और ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वन विभाग की कार्रवाई धीमी है और अगर सियार को तुरंत नहीं पकड़ा गया तो भविष्य में और लोग इसके हमले का शिकार हो सकते हैं।
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इस घटना ने सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर कब तक खड्डा और आसपास के गांवों में लोग इस खूंखार सियार के आतंक के नीचे जीवन यापन करेंगे। ग्रामीणों की मांग है कि वन विभाग तत्काल कार्रवाई करे और उन्हें सुरक्षित माहौल प्रदान करे।खड्डा वनरेंज में इस खूनी आतंक ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में वन्यजीवों के संपर्क और सुरक्षा के प्रति सतर्कता कितनी जरूरी है।
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(कुशीनगर से पीके विश्वकर्मा का रिपोर्ट)
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 2 October 2025 at 15:19 IST