अपडेटेड 1 February 2024 at 17:06 IST
‘वचन देते हैं, कृष्ण जन्मभूमि लेकर ही रहेंगे…’ Gyanvapi पर फैसले के बाद बोले जगद्गुरु रामभद्राचार्य
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा इसी प्रकार का फैसला श्रीकृष्ण जन्मभूमि में भी आना है और हम श्रीकृष्ण जन्मभूमि लेकर रहेंगे ये आपको वचन देते हैं।
- भारत
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Jagadguru Rambhadracharya: ज्ञानवापी के अंदर व्यास जी के तहखाने पर वाराणसी कोर्ट के फैसले को लेकर हिंदू समुदाय में खुशी की लहर है। कोर्ट के फैसले के बाद व्यास जी के तहखाने में नियमित पूजा शुरु हो गई है। वाराणसी कोर्ट के फैसले पर यूपी के हाथरस में जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि ज्ञानवापी में व्यास जी तहखाना में ब्राह्मण पूजा कर सकते हैं।
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा इसी प्रकार का फैसला श्रीकृष्ण जन्मभूमि में भी आना है और हम श्रीकृष्ण जन्मभूमि लेकर रहेंगे ये आपको वचन देते हैं। आप लोगों को हमारा साथ देना होगा। जगद्गुरु ने ये बातें हाथरस के लाढपुर गांव में चल रही रामकथा के दौरान कहीं।
कुछ लोग मुझ पर छींटाकशी कर रहे है- जगद्गुरु
जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि कुछ लोग मुझ पर छींटाकशी कर रहे हैं, जो शंकराचार्य ही नहीं हैं। रामभद्राचार्य कब जेल गए, उनको पता ही नहीं, पता लगालो, जेल में गया था, डंडे लगे थे, सतना जेल में था। कोर्ट में मैंने गवाही दी थी, मेरी ही गवाही पर जज ने यू आ डिवाइन पावर कहा था। किसी और की गवाही पर नहीं कहा था। इस प्रकार का अपराध नहीं करना चाहिए, सत्य-सत्य होता है। हमने राम जन्मभूमि की गवाही से निर्णय की दिशा बदलवादी, कृष्ण जन्मभूमि में जब मेरी गवाही होगी तो निर्णय की दिशा बदलेगी। पूरा वातावरण राममय हो चला है। लोकसभा 2024 का चुनाव आ रहा है। सभी प्रतिज्ञा लें, जिस विपक्ष को राम सीता से प्रेम नहीं है, उनको वोट नहीं करना है।
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व्यास जी के तहखाने में नियमित पूजा शुरू
ज्ञानवापी स्थित व्यास जी के तहखाने में नियमित पूजा-अर्चना एक सप्ताह में शुरू करने के आदेश के बाद प्रशासनिक स्तर पर गहमागहमी शुरू हो चुकी है। इसके साथ श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी। इस बीच ज्ञानवापी परिसर के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
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वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाना में कल देर रात पूजन शुरू हुआ। व्यास परिवार के जितेंद्र नाथ व्यास ने बताया कि कमिश्नर पुलिस कमिश्नर जिलाधिकारी की मौजूदगी में देर रात 12:30 बजे पूजा शुरू हुई जो रात लगभग 1:30 बजे तक चला। जिसमें मंदिर के पास पुजारी और हम लोग व्यास परिवार के लोग मौजूद थे। साथ में गणेश्वर शास्त्री थे। जितेंद्र नाथ व्यास परिवार ने कहा कि सबसे पहले गंगाजल से शुद्धिकरण करके उसके बाद खंभों पर जो आकृतियां बनी हुई थीं उसे पवित्र किया गया। उसके बाद फूल अक्षत से स्वस्तिनों वाचन करके पूजा शुरू हुई।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 1 February 2024 at 17:06 IST