अपडेटेड 9 July 2024 at 13:52 IST

Hathras Stampede: CM योगी का पहला एक्‍शन, SDM-CO सहित 6 अधिकारी सस्‍पेंड; SIT ने खोले कई बड़े राज

रिपोर्ट आने के बाद सीएम योगी एक्शन में आ गए है। उन्‍होंने हाथरस के SDM, CO समेत 6 अधिकारियों को सस्‍पेंड कर दिया है।

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CM Yogi Adityanath
CM Yogi Adityanath | Image: ANI

Hathras Stampede Probe: हाथरस भगदड़ कांड की जांच के लिए गठित की गई SIT ने अपनी जांच रिपोर्ट यूपी सरकार को सौंप दी है। रिपोर्ट में हादसे के लिए आयोजकों को मुख्‍य रूप से जिम्मेदार माना गया है। हालांकि बाबा भोले नाथ के नाम का कहीं जिक्र नहीं है। इसके साथ ही स्‍थानीय प्रशासन की भी जवाबदेही तय की गई है।

रिपोर्ट आने के बाद सीएम योगी एक्शन में आ गए है। उन्‍होंने हाथरस के SDM, CO समेत 6 अधिकारियों को सस्‍पेंड कर दिया है। आपको बता दें कि SIT ने बीते सोमवार रात 300 पेज की एक रिपोर्ट उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपी थी। जिसमें कहा गया है कि, हादसे में साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता है। लेकिन इसकी और गहनता से जांच जरूरत है। यह हादसा आयोजकों की लापरवाही से घटीत हुआ था। वहां स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने भी आयोजन के प्रति गंभीरता नहीं दिखाई है।

125 लोगों का लिया गया बयान

हाथरस के सिकन्दराराऊ में बीते 02 जुलाई को सत्संग के दौरान घटित दुर्घटना के तत्काल बाद गठित एडीजी जोन आगरा और मंडलायुक्त अलीगढ़ की एसआईटी ने 02, 03 और 05 जुलाई को घटना स्थल का निरीक्षण किया था।

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जांच के दौरान कुल 125 लोगों का बयान लिया गया, जिसमें प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ आम जनता एवं प्रत्यक्षदर्शियों का बयान भी लिया गया। इसके अलावा, घटना के संबंध में प्रकाशित समाचार की प्रतियां, स्थलीय विडियोग्राफी, छायाचित्र, विडियो क्लिपिंग का संज्ञान लिया गया।

जार्जशीट में क्या-क्या

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  • एसआईटी ने प्रारंभिक जांच में चश्मदीद गवाहों व अन्य साक्ष्यों के आधार पर दुर्घटना के लिए कार्यक्रम आयोजकों को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना है।
  • जांच समिति ने अब तक हुई जांच व कार्यवाही के आधार पर हादसे के पीछे किसी बड़ी साजिश से भी इंकार नहीं किया है और गहन जांच की जरूरत बताई है।
  • जांच समिति ने कार्यक्रम आयोजक तथा तहसील स्तरीय पुलिस व प्रशासन को भी दोषी पाया है। स्थानीय एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, इंस्पेक्टर, चौकी इंचार्ज द्वारा अपने दायित्व  का निर्वहन करने में लापरवाही के जिम्मेदार हैं।
  • उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ द्वारा बिना कार्यक्रम स्थल का मुआयना किये आयोजन की अनुमति प्रदान कर दी गई और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया।
  • उक्त अधिकारियों द्वारा कार्यक्रम को गंभीरता से नहीं लिया गया और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया गया। एसआईटी ने संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की है। तदक्रम में, उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ, पुलिस क्षेत्राधिकारी सिकन्दराराऊ, थानाध्यक्ष सिकन्दराराऊ, तहसीलदार सिकन्दराराऊ, चौकी इन्चार्ज कचौरा एवं चौकी इन्चार्ज पोरा को शासन द्वारा निलंबित कर दिया गया है।
  • आयोजकों ने तथ्यों को छिपाकर कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति ली। अनुमति के लिए लागू शर्तों का अनुपालन नहीं किया गया। आयोजकों द्वारा अप्रत्याशित भीड़ को आमंत्रित कर पर्याप्त एवं सुचारु व्यवस्था नहीं की गई। न ही कार्यक्रम के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा दी गई अनुमति की शर्तों का पालन किया गया।
  • आयोजक मंडल से जुड़े लोग अव्यवस्था फैलाने के दोषी पाए गए हैं। इनके द्वारा जिन लोगों को बिना विधिवत पुलिस वेरिफिकेशन के जोड़ा गया, उनसे अव्यवस्था फैली।
  • आयोजक मंडल द्वारा पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया गया। स्थानीय पुलिस को कार्यक्रम स्थल पर निरीक्षण से रोकने का प्रयास किया गया।
  • सत्संगकर्ता और भीड़ को  बिना सुरक्षा प्रबंध के आपस में मिलने की छूट दी गई। भारी भीड़ के दृष्टिगत यहां किसी प्रकार की बैरीकेटिंग अथवा पैसेज की व्यवस्था नहीं बनाई गई थी और दुर्घटना घटित होने पर आयोजक मंडल के सदस्य घटना स्थल से भाग गए। 

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 9 July 2024 at 13:52 IST