अपडेटेड 19 September 2024 at 15:30 IST

Bahraich Wolf Attack: अकेला होते ही नए झुंड से मिलाया हाथ, अब लंगड़ा भेड़िया लेगा साथियों का बदला?

यूपी के बहराइच में आदमखोर भेड़ियों का खतरा अभी टला नहीं है। ये भेड़िये अबतक 10 लोगों को मार चुके हैं जिनमें 9 बच्चे शामिल हैं।

Follow : Google News Icon  
bahraich-wolf-killed-9-people
बहराइच में ऑपरेशन बदला के तहत लंगड़े भेड़िए की कहानी | Image: Pixabay

Bahraich Wolf Attack: यूपी के बहराइच में आदमखोर भेड़ियों का खतरा अभी टला नहीं है। ये भेड़िये अबतक 10 लोगों को मार चुके हैं जिनमें 9 बच्चे शामिल हैं। वन विभाग के मुताबिक भेड़ियों के झुंड में पहले 6 भेड़िये थे जिनमें से 5 को पकड़ लिया गया है। केवल एक भेड़िया बचा है जो उस झुंड का सरदार है और लंगड़ा है। लेकिन इस बीच महसी तहसील के ग्रामीणों ने ऐसा दावा किया है कि जो डराने वाला है।

इसे जानकर वन विभाग की नींद भी गायब हो गई है। कुछ ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने भेड़ियों के एक नए झुंड को देखा है जिसमें लंगड़ा भेड़िया भी शामिल है। ऐसे में पांच आदमखोर भेड़ियों के पकड़े जाने के बाद थोड़ी राहत महसूस कर रहे लोग एक बार फिर दहशत में आ गए हैं। हालांकि, प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) अजीत प्रताप सिंह ने इस दावे को खारिज किया है। उन्होंने जांच के बाद ही पुष्टि करने की बात कही है।

फॉर्महाउस के पास देखा गया झुंड

बुधवार शाम को मगला गांव में भाजपा एमएलसी पदमसेन चौधरी के फार्महाउस के पास चार भेड़िये देखे गए। यह स्थान सिसैया चूरामनी गांव से सिर्फ पांच किलोमीटर दूर है, जहां भेड़ियों के सबसे ज्यादा हमले हुए हैं। पीटीआई से बात करते हुए चौधरी ने कहा, "गांव वालों ने शाम करीब चार बजे मेरे फार्महाउस के आम के बगीचे में चार भेड़ियों का झुंड देखा।

Advertisement

उनमें से एक लंगड़ा था। इस जगह के पास भेड़ियों का अड्डा है। बारिश और नदियों का जलस्तर बढ़ने के कारण अक्सर जंगली जानवर बाहर निकल आते हैं।" हालांकि, डीएफओ सिंह ने कहा कि ऐसा नहीं लगता कि नए झुंड में आदमखोर भेड़िया है और उन्होंने उन्हें पकड़ने के किसी भी प्रयास के प्रति आगाह किया।

झुंड बनाने में माहिर होता है भेड़ियों का सरदार

Advertisement

भेड़ियों के विशेषज्ञ कहते हैं, ये दोस्ती के मामले में बहुत सच्चे होते हैं। ये अपने साथियों की देखभाल करने में आगे होते हैं। बूढ़े होने तक बमुश्किल ही अपने दोस्त का साथ छोड़ते हैं। ये अपने अनुभवों की जानकारी अगली पीढ़ियों में पहुंचाते हैं। पुराना भेड़िया नए को शिकार करने की रणनीति सिखाता है। भेड़िए में अपने समूह में एक दिन में करीब 50 किलोमीटर तक का सफर करते हैं।

ये अपने साथियों से बात करने के लिए कई तरीके अपनाते हैं, आवाज से, बॉडी लैंग्वेज और अपनी गंध छोड़ते हुए। इसे ऐसे समझें। उभरे हुए कान और सीधी पूंछ अपने प्रभाव के बारे में बताते हैं। यानी हावी होने की कोशिश कर रहा है। जबकि खुले दांत और चेहरा आगे की ओर बढ़ाकर धमकीभरा संदेश देते हैं।

इसे भी पढ़ें- जानवरों की जान ले रहा इंसान, 200 हाथियों को मौत के घाट उतारेगा ये देश, ऐसा करने पर क्यों मजबूर?

Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 19 September 2024 at 15:30 IST