अपडेटेड 28 August 2025 at 16:35 IST
संभल हिंसा में विदेशी कनेक्शन की पुष्टि, मेड इन USA हथियार का हुआ इस्तेमाल- न्यायिक आयोग की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे
Sambhal हिंसा की जांच ने कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं। हिंसा में विदेशी हथियारों का उपयोग और संभल की डेमोग्राफी में बदलाव बदलाव जैसे मुद्दे न केवल स्थानीय प्रशासन बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी चिंता का विषय हैं।
- भारत
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Sambhal Violence Report : उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 24 नवंबर, 2024 को शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान भड़की हिंसा ने राष्ट्रीय स्तर पर भी सनसनी मचा दी थी। इस घटना की जांच के लिए गठित 3 सदस्यीय न्यायिक आयोग ने अपनी 450 पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी है। यूपी के पूर्व DGP अरविंद कुमार जैन, पूर्व IAS अधिकारी अमित मोहन प्रसाद , प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद भी मौजूद रहे।
संभल हिंसा पर आयोग की इस रिपोर्ट में कई गंभीर और चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिनमें विदेशी हथियारों के इस्तेमाल और संभल की डेमोग्राफी में भारी बदलाव जैसे मुद्दे शामिल हैं। रिपोर्ट में हरिहर मंदिर के ऐतिहासिक अस्तित्व के साक्ष्य मिलने के संकेत हैं। न्यायिक आयोग ने 2 पार्ट में संभाल हिंसा की जांच की है। रिपोर्ट के अनुसार संभल स्थित हरिहर मंदिर की नींव में बाबर काल के प्रमाण मिले हैं, जिस पर ऐतिहासिक विवाद फिर गहरा सकता है।
संभल हिंसा में विदेशी हथियारों का इस्तेमाल
न्यायिक आयोग की रिपोर्ट और पुलिस जांच में यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि संभल हिंसा के दौरान विदेशी हथियारों का इस्तेमाल किया गया था। फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से करीब 6 कारतूसों के खोखे बरामद किए, जिनमें से कुछ पर "पाकिस्तान ऑर्डनेंस फैक्ट्री (POF)" और "मेड इन USA" लिखा हुआ था। न्यायिक जांच आयोग ने अपनी रिपोर्ट में मेड इन USA हथियार मिलने की बात कही है।
यूपी पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने हिंसा प्रभावित इलाके की तलाशी के दौरान नालियों से 5 खोखे और 2 मिसफायर कारतूस बरामद किए थे। इनमें 9mm पिस्टल के खोखे, 12 बोर के विंचेस्टर कारतूस और 32 बोर के कारतूस शामिल हैं। एक खोखे पर "FN स्टार" का निशान भी मिला था। जांच में खुलासा हुआ था कि ये खोखे पाकिस्सान की ऑर्डनेंस फैक्ट्री में बने है। ये 9MM कारतूस को पाकिस्तानी आर्मी इस्तेमाल करती है। इसके अलावा 12 बोर के 2 खोखे और 32 बोरे के 2 खोखे बरामद हुए। एक खोखा विनचेस्टर मेड इन USA का है।
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SP कृष्ण कुमार बिश्नोई के मुताबिक ये कारतूस सरकारी हथियारों में इस्तेमाल नहीं होते, जिससे यह स्पष्ट होता है कि हिंसा में विदेशी हथियारों का इस्तेमाल हुआ। पुलिस को आशंका है कि इन हथियारों की आपूर्ति के पीछे विदेशी फंडिंग और संगठित साजिश हो सकती है। संभल में मेड इन USA और पाकिस्तान ऑर्डनेंस फैक्ट्री के कारतूसों का मिलना एक गंभीर मुद्दा है। अमेरिका में बने 12 बोर के कारतूस और 7.65mm के प्रतिबंधित कारतूसों का मिलना कई सवाल उठाता है।
संभल की डेमोग्राफी में बदलाव
रिपोर्ट के अनुसार 1947 में संभल नगर पालिका क्षेत्र में हिंदू आबादी 45% थी, जबकि मुस्लिम आबादी 55% थी। वर्तमान में हिंदू आबादी घटकर 15-20% रह गई है और मुस्लिम आबादी 80-85% तक पहुंच गई है। आयोग ने इस बदलाव के लिए तुष्टिकरण की राजनीति, योजनाबद्ध दंगों और डर के माहौल को जिम्मेदार ठहराया है। रिपोर्ट में 1947 से 2019 तक संभल में हुए 15 बड़े दंगों का दस्तावेजी विवरण शामिल है। इन दंगों में हिंदू समुदाय को सबसे अधिक नुकसान हुआ।
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हर दंगे में हिंदू मारे गए
संभल में आजादी के बाद 1947, 1948, 1953, 1958, 1962, 1976, 1978, 1980, 1990, 1992, 1995, 2001 और 2019 में हुए दंगों में हिंदू मारे गए। पठान और तुर्क के आपसी संघर्ष में हमेशा से संभल जलता रहा, लेकिन हर दंगे में सिर्फ हिंदू मारे जा रहे हैं। इस बार भी हिन्दुओं को मारे जाने की प्लानिंग थी। दंगा करने के लिए बलवाइयों को बाहर से बुलाया गया था। लेकिन हिंदू मोहल्लों में पुलिस की मौजूदगी के कारण इस बार हिंदू बच गए।
हरिहर मंदिर और विवाद
न्यायिक आयोग की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि शाही जामा मस्जिद के स्थान पर हरिहर मंदिर के ऐतिहासिक अस्तित्व के साक्ष्य मिले हैं। बाबर काल से संबंधित प्रमाणों का उल्लेख भी इस विवाद को और गहरा सकता है। 19 नवंबर, 2024 को हिंदू पक्ष द्वारा दायर याचिका में दावा किया गया था कि मस्जिद हरिहर मंदिर के स्थान पर बनी है, जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर सर्वेक्षण शुरू हुआ था।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 28 August 2025 at 16:35 IST