अपडेटेड 18 December 2024 at 21:01 IST

'मूर्तियां हटाकर मुस्लिम परिवार ने किया मंदिर पर कब्जा', संभल के बाद बरेली में हिंदुओं का दावा

UP News: मंदिर पर मालिकाना हक का दावा करने वाले राकेश ने सीएम योगी से मदद की गुहार लगाई है। दावा है कि 5 पीढ़ियों पहले यहां गंगा महारानी मंदिर बनाया गया था।

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Bareilly Temple Controversy: संभल में मंदिर-मस्जिद का विवाद अभी सुलझा भी नहीं था कि बरेली से नया विवाद सामने आ गया है। राकेश नाम के शख्स ने आरोप लगाया है कि मुस्लिम समुदाय ने 1905 में बने मंदिर पर कब्जा कर रखा है और वहां वाहिद अली का पूरा परिवार रहता है। हिंदुओं ने दस्तावेज दिखाते हुए आरोप लगाए कि मंदिर से शिवलिंग और मूर्तियां हटा दी गई है।

जिस परिवार ने मंदिर बनवाया था। उसके वंशज राकेश सिंह ने बताया कि उनके पूर्वजों ने 5 पीढ़ियों पहले यहां गंगा महारानी मंदिर बनाया गया था। इसकी लिखा-पढ़ी के कागज भी राकेश के पास हैं। 1950 तक मंदिर में पूजा भी हुई है। आरोप है कि मंदिर के पुजारी ने एक समिति को किराए पर मंदिर का एक कमरा दिया था। समिति ने वाहिद अली नाम के चौकीदार को रख लिया और धीरे-धीरे वाहिद ने मंदिर में लोगों के आने पर पाबंदी लगा दी।

सीएम योगी से गुहार

गंगा महारानी मंदिर का ये विवाद बरेली में किला क्षेत्र के बाकरगंज का है। मंदिर पर अपने मालिकाना हक का दावा करने वाले राकेश अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगा रहे हैं। उनका कहना है की गंगा महारानी के इस मंदिर को मुसलमान के चंगुल से मुक्त किया जाए, ताकि सनातन धर्म से जुड़े लोग एक बार फिर मंदिर में गंगा महारानी की पूजा अर्चना कर सकें।

'1950 तक हुई पूजा'

मंदिर को बनाने वाले परिवार के वंशज राकेश सिंह ने बताया कि 1905 में गंगा महारानी के मंदिर को बनाया गया था और तब यहां किला क्षेत्र में रामगंगा नदी गुजारा करती थी। गंगा महारानी का मंदिर स्थानीय लोगों में आस्था का केंद्र था, लेकिन मंदिर के पुजारी ने एक समिति को मंदिर का एक कमरा किराए पर दिया और फिर मंदिर पर कब्जा शुरू हो गया।

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राकेश ने आरोप लगाया कि जिस समिति ने मंदिर कमरा किराए पर लिया था। उसने एक मुस्लिम चौकीदार को रख लिया। इसके बाद मुस्लिम चौकीदार धीरे-धीरे मंदिर में आने-जाने पर पाबंदी लगाने लगा। जब लोग मंदिर में पूजा करने जाते थे, तो ताला लगा दिया जाता था। चौकीदार ने धीरे-धीरे लोगों का मंदिर में जाना बंद कर दिया। राकेश सिंह के मुताबिक 1950 तक मंदिर में लोग पूजा किया करते थे। लेकिन अब मुस्लिम समुदाय ने गंगा महारानी के मंदिर के अस्तित्व को खत्म कर दिया है और अपने मकान बना लिए हैं।

मुस्लिम पक्ष का दावा

वहीं मुस्लिम परिवार भी अपने पक्ष में दलील दे रहा है। मुस्लिम परिवार का कहना है कि वहां कभी कोई मंदिर नहीं था। उन्होंने कहा कि यहां दौली रघुवर दयाल सहकारी समिति है और हम यहां चौकीदार है। मुस्लिम पक्ष ने कहा कि हम सरकारी सर्वे के लिए भी तैयार है। 

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 18 December 2024 at 21:01 IST