अपडेटेड 26 July 2025 at 15:01 IST

'बुआ का लड़का चाहता था निकाह करना, देवर और बहनोई रखते थे गलत नजर,' खुशबू खान से खुशबू साहू बनीं युवती बोली- हिंदू धर्म में रिश्तों की इज्जत

गाजियाबाद में हुए धार्मिक समारोह में मंत्रोच्चार के साथ खुशबू के साथ सोनिया खान ने भी सनातन धर्म को अपनाया।

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religious conversion | Image: Republic

Ghaziabad News: गाजियाबाद से एक हैरतअंगेज मामला सामने आया है। यहां करीब 12 साल पहले खुशबू खान नाम की महिला ने अपनी जिंदगी की शुरुआत युसुफ के साथ हुई थी। इस शादी से उन्हें तीन बच्चे हुए जिनमें एक बेटी भी शामिल है। लेकिन ये रिश्ता कभी भी खुशबू को वह सम्मान नहीं दे पाया जिसकी वह हकदार थीं। खुशबू का पति उसे खूब मारता पीटता था। यहां तक कि उस पर हर वक्त शक करता था।

पति यूसुफ के इन जुल्मों से परेशान खुशबू पर हर बात की पाबंदी लगी थी। खुशबू ने कभी देवर की बदतमीजी झेली तो कभी बहनोई की गलत नजरों का शिकार हुई। खुशबू का कहना है कि उसकी बुआ का लड़का उससे शादी करना चाहता था।

3 साल पहले विपिन साहू से हुई मुलाकात

खुशबू ने बताया कि यूसुफ के पास रहने के दौरान उसके पास आजादी नाम की कोई चीज ही नहीं बची थी। तलाक के बाद भी परेशानियां खत्म नहीं हुईं। लगभग तीन साल पहले खुशबू की मुलाकात विपिन साहू नाम के युवक से हुई। एक साल पहले दोनों ने शादी की और तब से खुशबू की जिंदगी पूरी तरह बदल गई। विपिन ने न सिर्फ खुशबू को पत्नी का बल्कि देवी तक का दर्जा दिया। वहीं बेटी को लक्ष्मी की तरह प्यार किया। ऐसे में खुश्बू ने पहली बार सम्मान, अपनापन और सुरक्षा का अनुभव किया।

हिंदू धर्म में रिश्तों की मर्यादा- खुशबू 

खुशबू के मुताबिक, हिंदू धर्म में रिश्तों की मर्यादा होती है। महिलाओं के प्रति विशेषकर सम्मान होता है। हिंदू धर्म अपनाने के बाद से खुशबू अब तक पाच बार कांवड़ यात्रा कर चुकी हैं। इस बार तो वो तीनों बच्चों के साथ कांवड़ लेकर आई।

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खुशबू के साथ सोनिया ने भी अपनाया सनातन

गाजियाबाद में हुए धार्मिक समारोह में मंत्रोच्चार के साथ खुशबू के साथ सोनिया खान ने भी सनातन धर्म को अपनाया। इसके बाद खुशबू खान ने अपना नाम बदलकर खुशबू साहू रखा। वहीं सोनिया खान, सोनिया चौधरी बन गई। सोनिया ने कहा कि हम सनातन धर्म में खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं। उन्होंने अपने पारिवारिक अनुभव साझा करते हुए बताया कि उनके पिता ने 80 साल की उम्र में तीसरी शादी एक बांग्लादेशी रोहिंग्या महिला से की थी, जिससे उन्हें अपमान और असुरक्षा की भावना ही मिली। 

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Published By : Priyanka Yadav

पब्लिश्ड 26 July 2025 at 15:01 IST