अपडेटेड 13 August 2025 at 18:10 IST

Bird flu in UP: यूपी में बर्ड फ्लू की दस्तक के बाद दहशत, अब तक 15,000 मुर्गे-मुर्गियों को दफनाया, 21 दिनों तक बिक्री पर बैन

Bird flu in UP: एवियन इन्फ्लूएंजा, या "बर्ड फ्लू" या "एवियन फ्लू", एवियन (पक्षी) इन्फ्लूएंजा (फ्लू) वायरस से होने वाला एक संक्रमण है। ये फ्लू वायरस पक्षियों में प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं।

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Bird Flu
प्रतीकात्मक तस्वीर | Image: फाइल फोटो

Bird flu in UP: उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में  बर्ड फ्लू की दस्तक से खौफ का माहौल हो गया है। बर्ड फ्लू, जिसे एवियन इन्फ्लूएंजा भी कहा जाता है, एक प्रकार का वायरस है जो पक्षियों में पाया जाता है। पक्षियों में होने वाला एक संक्रामक वायरल रोग है। यह जंगली और पालतू दोनों तरह के पक्षियों में फैलता है। यह फ्लू पोल्ट्री और अन्य पक्षी प्रजातियों, जिनमें प्रवासी जलपक्षी भी शामिल हैं, का एक वायरल श्वसन रोग है।  


न्यूज एजेंसी व विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, रामपुर जिला प्रशासन ने सीहोर गांव के एक पोल्ट्री फार्म में बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लूएंजा एच5 वायरस) की पुष्टि की है। इसके बाद 21 दिनों के लिए अंडे और अन्य पोल्ट्री उत्पाद की बिक्री और परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है कि यहां 15,000 से अधिक मुर्गियां मर चुकी हैं। इस फ्लू से लोगों में दहशत भी है।

वहीं, जिला मजिस्ट्रेट जोगेन्द्र सिंह ने सोमवार को एक आपातकालीन बैठक बुलाई और जिले भर में चिकन परोसने वाले भोजनालयों सहित सभी चिकन की दुकानों को तीन सप्ताह के लिए बंद करने का आदेश दिया। उन्होंने अगली सूचना तक जिले के भीतर और बाहर पोल्ट्री और पोल्ट्री उत्पादों की आवाजाही पर भी रोक लगा दी है। अधिकारियों ने बताया कि स्थिति पर नज़र रखने के लिए जिला और बिलासपुर तहसील स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं।


एवियन इन्फ्लूएंजा क्या है?


AIIMS की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार,  एवियन इन्फ्लूएंजा, या "बर्ड फ्लू" या "एवियन फ्लू", एवियन (पक्षी) इन्फ्लूएंजा (फ्लू) वायरस से होने वाला एक संक्रमण है। ये फ्लू वायरस पक्षियों में प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं। दुनिया भर के जंगली पक्षी अपनी आंतों में इस वायरस को ले जाते हैं, लेकिन आमतौर पर इससे बीमार नहीं पड़ते। हालाँकि, बर्ड फ्लू पक्षियों में बहुत संक्रामक है और मुर्गियों और बत्तखों सहित कुछ पालतू पक्षियों को बहुत बीमार कर सकता है और उनकी जान ले सकता है।

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क्या एवियन फ्लू वायरस मनुष्यों को संक्रमित करता है?


बर्ड फ्लू वायरस आमतौर पर मनुष्यों को संक्रमित नहीं करते हैं, लेकिन 1997 से बर्ड फ्लू वायरस से मानव संक्रमण के कई मामले सामने आए हैं।


पक्षियों में एवियन फ्लू कैसे फैलता है?


संक्रमित पक्षी अपनी लार, नाक के स्राव और मल (मल) के माध्यम से फ्लू वायरस छोड़ते हैं। संवेदनशील पक्षी दूषित मल या मल से दूषित सतहों के संपर्क में आने पर संक्रमित हो जाते हैं।

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एवियन फ्लू मनुष्यों में कैसे फैलता है?


ऐसा माना जाता है कि मनुष्यों में बर्ड फ्लू संक्रमण के अधिकांश मामले संक्रमित मुर्गियों या दूषित सतहों के संपर्क में आने से हुए हैं। अभी तक मनुष्य से मनुष्य में संक्रमण का कोई प्रमाण नहीं मिला है।

अपनी सुरक्षा व बचाव के लिए क्या करें?


US Centers for Disease Control and Prevention की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार - 

  • सामान्य सावधानी के तौर पर, जब भी संभव हो लोगों को बीमार या मृत जंगली पक्षियों, मुर्गियों, डेयरी गायों और अन्य जानवरों के सीधे संपर्क से बचना चाहिए और उन्हें केवल दूर से ही देखना चाहिए।
  • यदि आपको बीमार या मृत जंगली पक्षियों, मुर्गियों या अन्य जानवरों के साथ सीधा/निकट संपर्क करना पड़े, तो अनुशंसित व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) पहनें।
  • जंगली या घरेलू पक्षियों, डेयरी गायों, या एवियन बर्ड इन्फ्लूएंजा ए वायरस संक्रमण की पुष्टि या संदेह वाले अन्य जानवरों के लार, श्लेष्मा या मल से दूषित सतहों या सामग्रियों (जैसे, पशु कूड़े या बिस्तर सामग्री) को न छुएं।
  • कच्चे दूध या कच्चे दूध से बने उत्पादों को न छुएं और न ही उनका सेवन करें, विशेष रूप से एवियन इन्फ्लूएंजा ए वायरस से संक्रमित या संदिग्ध पशुओं से प्राप्त दूध या ऐसे क्षेत्रों में जहां संक्रमित झुंड हों।
     

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Published By : Amit Dubey

पब्लिश्ड 13 August 2025 at 18:08 IST