अपडेटेड 5 April 2025 at 20:23 IST

Brij Bhushan Sharan Singh: वक्फ बोर्ड की मार से बृजभूषण जैसा बाहुबली भी नहीं बच पाया, सुनाई बहराइच की कोठी वाली कहानी

BJP नेता बृजभूषण शरण सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वो न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत करते हुए वक्फ बोर्ड की धांधली के बारे में बता रहे हैं

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वक्फ बोर्ड संशोधन बिल संसद के दोनों सदन लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास हो चुका है। अब इसको कानून बनने के लिए बस राष्ट्रपति की मुहर लगना बाकी है। वक्फ बोर्ड पर देश की बहुत सी जमीनों पर अवैध कब्जा करने का आरोप है और इन पीड़ितों में सिर्फ गरीब-गुर्गे ही नहीं शामिल हैं। वक्फ बोर्ड के अवैध कब्जे की मार बृजभूषण शरण जैसा नेता भी झेल रहा है। ये बात उन्होंने खुद मीडिया के कैमरे पर ऑन द रिकॉर्ड कही है। लोकसभा से वक्फ बोर्ड विधेयक पास होने के बाद पत्रकारों ने जब बीजेपी के बाहुबली नेता बृजभूषण सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि कैसे बहराइच की एक कोठी खरीदने के बाद वो वक्फ बोर्ड के जाल में फंसे।  

बीजेपी के बाहुबली नेता बृजभूषण शरण सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है जिसमें वो न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए वक्फ बोर्ड की धांधली के बारे में बता रहे हैं। उन्होंने इस वीडियो में बताया कि कैसे वो वक्फ बोर्ड के अवैध कब्जे का शिकार बन गए। बृजभूषण सिंह ने कहा, ‘अभी आपने देखा होगा कि मोदी जी की सरकार बनने से पहले सैकड़ों कानून निष्प्रभावी हो चुके थे जिनकी कोई जरूरत नहीं थी ये अंग्रेजों के समय बनाए गए थे उनको समाप्त किया गया। जम्मू कश्मीर की समस्या, अनुच्छेद 370 जैसी समस्याओं को ठीक किया गया और वक्फ संशोधन बिल से किसी का कोई नुकसान नहीं अब जैसे इसका दुरुपयोग। अब हम नहीं जानते हैं कि वक्फ बोर्ड कानून का कितना दुरुपयोग होता है कि नहीं होता है लेकिन इसका शिकार हम भी हो चुके हैं।’


वक्फ बोर्ड का शिकार बने बाहुबली बृजभूषण सिंह तो आम आदमी की क्या बात

बृजभूषण सिंह ने आगे बताया, 'एक ऐसी घटना मेरे साथ घटी है जिसमें मैं वक्फ बोर्ड कानून का शिकार बन चुका हूं। बहराइच में एक कोठी थी कौल फैमिली की उस कोठी को हमने अपनी पत्नी के नाम बैनामा करवाया। कोठी पर किसी गुप्ता जी को 1912 में पट्टा मिला था गुप्ता जी ने कोठी लिखाई। उसके बाद किसी कारण से उन्होंने बहराइच दरहाग शरीफ को वो कोठी उन्होंने बेच दिया था। फिर बहराइच दरगाह शरीफ ने 1922 में उस कोठी को वापस कर दिया कौल फैमिली को। जब कौल फैमिली उस कोठी के फ्रीहोल्ड के लिए गई तो वक्फ वालों ने ऑब्जेक्शन किया कि एक बार जो प्रॉपर्टी हमारे पास आ जाती है वो दोबारा किसी के पास जा नहीं सकती है। फिलहाल हाईकोर्ट के आदेश पर कोठी फ्रीहोल्ड हुई और फ्रीहोल्ड होने के बाद मैंने बैनामा करवाया और फिलहाल कोठी पर मेरा कब्जा है लेकिन मैं भी इस कोठी को लेकर केस लड़ रहा हूं।'

वक्फ कानून का हवाला देकर दरगाह शरीफ लड़ रहा केस

बृजभूषण सिंह ने आगे बताया, 'आज दरगाह शरीफ वाले उसी वक्फ के कानून का हवाला देकर ये केस लड़ रहे हैं। वक्फ बोर्ड कानून से कितने प्रभावित होंगे? औरों का तो मैं नहीं जानता हूं लेकिन एक केस तो मैं खुद ही लड़ रहा हूं। कौल साहब की कोठी का पूरा पैसा देकर मैंने बैनामा करवाया था हाईकोर्ट के फैसले के बाद कोठी फ्री होल्ड की गई थी और आज भी मैं केस लड़ ही रहा हूं। इतना ही नहीं एक जज साहब उस कोठी पर स्टे भी कर गए थे अब वो रिटायर हो गए हैं मैं उनका नाम नहीं लेना चाहता हूं। वो हमारा नाम सुनकर ही स्टे कर गए कि मैं ही गलत रहा होउंगा। फिलहाल वो स्टे कैंसिल हो गया और कोठी अब हमारे पास है।'

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जनता के काम आती है बृजभूषण सिंह की वो कोठी

बृजभूषण सिंह ने आगे बताया, 'बहराइच की उस कोठी में हमारा रहना नहीं होता है लेकिन वो जनता जनार्दन के काम आता है। वहां पर एक रेस्लिंग की एकेडमी चलती है। बहराइच के लोगों को कोई सार्वजनिक आयोजन करना होता है तो वो लोग करते हैं। यही नहीं कि इस कानून से सिर्फ हम प्रभावित हैं। इस कानून से मुस्लिम समाज भी प्रभावित है। यही वजह है कि मुस्लिम समाज के लोग भी बढ़चढ़ कर इसका स्वागत कर रहे हैं। आप सब लोग ये बात जान लीजिए कि अगर किसी मुद्दे को मोदी सरकार ने अगर फैसला लिया है और गृहमंत्री अमित शाह जी ने किसी विषय को उठाया है तो पूरा हो कर रहेगा और वो जनता के हित में होगा।'

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Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 5 April 2025 at 19:00 IST