अपडेटेड 29 August 2024 at 14:24 IST

9 का शिकार करने वाले भेड़िए के झुंड में एक की मौत, खून के प्यासे आदमखोर को कैसे आया हार्ट अटैक?

यूपी के बहराइच में आदमखोर भेड़ियों का आतंक फैला हुआ है। 6 भेड़ियों की झुंड ने अबतक 9 लोगों को अपना शिकार बनाया है।

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wolf | Image: Pixabay

यूपी के बहराइच में आदमखोर भेड़ियों का आतंक फैला हुआ है। 6 भेड़ियों की झुंड ने अबतक 9 लोगों को अपना शिकार बनाया है। मरने वालों में 8 बच्‍चे और एक महिला शामिल हैं। वन विभाग की टीम दिन रात मशक्क कर रही है और अबतक 4 भेड़ियों को पकड़ चुकी है। दो की तलाश अभी भी जारी है।

बुधवार को तीन भेड़िए पकड़े गए जबकि गुरुवार को एक भेड़िया पकड़ा गया है। इस बीच खबर है कि बुधवार को पकड़े गए तीन भेड़ियों में से एक की मौत हार्टअटैक से हो गई है। तीनों को बुधवार को ही मेडिकल चेकअप के बाद लखनऊ के चिडि़याघर भेजा गया था।

कैसे आया भेड़िए को हार्टअटैक

भेड़िए को इंसानी खून की लत लग गई थी। पकड़े जाने के बाद उसका मेडिकल चेकअप किया गया जिसमें रेबिज की भी पुष्‍टि हुई। बताया जा रहा है कि खून की लत पूरी ना होने से बताया भेड़िए का रक्तचाप बढ़ गया और उसे हार्टअटैक आ गया।

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वहीं वाइल्ड लाइफ एक्‍सपर्ट्स के मुताबिक भेड़िया जब अकेला होता है तो उसे इंसानों की भीड़ से डर लगता है। जिस भेड़िए की मौत हुई है वो पकड़े जाने के दौरान घायल भी हो गया था। हार्टअटैक की एक वजह यह भी हो सकती है।  

'मिशन भेड़िया' में लगी वन विभाग की 25 टीम

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भेड़ियों को पकड़ने के लिए 5 वन प्रभागों बहराइच, कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ, श्रावस्ती, गोंडा और बाराबंकी की लगभग 25 टीमें लगी हुई हैं। अब इन आदमखोरों ने अपना दायरा जिले के अन्य क्षेत्रों तक बढ़ा लिया है। जहां बहराइच के डीएफओ इन भेड़ियों की संख्या कुल 6 बता रहे हैं तो प्रभावित इलाकों के ग्रामीण इनकी संख्या दो दर्जन बता रहे हैं। अबतक 4 भेड़ियों को पकड़ा जा चुका है। 2 की तलाश जारी है।

बहराइच में कैसे पहुंचे भेड़िए

यूपी का बहराइच जिला देवीपाटन मंडल के उत्तर पूर्वी भाग में स्थित है। जिले का उत्तरी भाग तराई क्षेत्र है, जो घने जंगलों से घिरा हुआ है। चकिया, सुजौली, निशानगारा, मिहींपुरवा, बिछिया और बघौली जिले के मुख्य वन क्षेत्र हैं। यहां का कतर्नियाघाट भी बहुत प्रसिद्ध है। कतर्नियाघाट के जंगल में हाथी, बाघ और तेंदुआ देखने को मिल जाते हैं। वहीं बहराइच भारत-नेपाल सीमा के पास है और दुधवा टाइगर रिजर्व का भी बफर जोन है। बताया जा रहा है कि बरसात में भेड़ियों की मांद में पानी भर जाता है तो वो सुरक्षित जगह की तलाश के गांवों में पहुंच जाते हैं।

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 29 August 2024 at 14:24 IST