Published 22:25 IST, September 8th 2024
लखीमपुर खीरी में 'आदमखोरों' का आतंक, बाघ के बाद भेड़ियों का हमला; गांव वालों ने सुनाई दास्तां
भेड़िए ने टेंगनहा गाव में धौरहरा थाना में तैनात चौकीदार राम रतन और उनकी पत्नी राम देवी को खेतों पर काम कर रहे थे तभी भेड़िए ने हमला कर उनकी पत्नी को घायल कर द
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में भेड़िए के हमलों का तांडव अभी थमा भी नहीं था कि सूबे के सीतापुर, बाराबंकी, कौशांबी के बाद अब लखीमपुर खीरी में भी आदमखोरों ने हमले शुरू कर दिए। अब तक इस जिले में बाघ और तेंदुए के हमले से ग्रामीण परेशान थे। जिला प्रशासन अभी तक बाघ और तेंदुओं को तो पकड़ नहीं पाया था कि एक नई मुसीबत और आ गई। अब भेड़ियों का झुंड भी आ पहुंचा अब गांव वाले इन आदमखोरों से अपने बच्चों और मवेशियों को बचाने के लिए रात में जागकर पहरे दे रहे हैं। भेड़िए के हमलों में गांव के 6 लोग घायल हो गए हैं।
अब तक सूबे का बहराइच जिला तो भेड़िए के आतंक से जूझ ही रहा था कि अचानक पड़ोसी जिले लखीमपुर के धौरहरा कोतवाली क्षेत्र के देवी पुरवा गांव में भी भेड़ियों ने हमले शुरू कर दिए हैं। पूरा गांव भेड़िए के हमलों से त्राहिमाम करने लगा है। बीते तीन दिनों से भेड़िया खेत खलिहान गये व सोते जागते गांव वालों उनके बच्चों और पशुओं अपना निवाला बना रहा है। वहीं गांव वालों ने भी भेड़िए के हमलों से हार नहीं मानी और खुद ही अपनी रक्षा के लिए रात भर पहरे पर बैठना शुरू कर दिया।
भेड़िए के हमले के बाद दहशत में ग्रामीण, फोटो- रिपब्लिक
भेड़िए के हमले से दहशत में गांव वाले
जिले के धौरहरा थाना क्षेत्र में भेड़िए का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। बीती रात भेड़िए ने टेंगनहा गाव में धौरहरा थाना में तैनात चौकीदार राम रतन व उनकी पत्नी राम देवी को खेतों पर काम करने दौरान हमला कर दिया। पीड़ित ने बताया कि भेड़िए ने उनकी पत्नी के हाथ पर और उनके मुंह और पेट में नोचते हुए घायल कर दिया। शोर मचाने पर खेतों पर मौजूद किसानों की मदद से उनकी जान बची। इसके बाद इसी गांव के एक मंदबुद्धि नीरज गौतम पुत्र छोटे को खेत पर घास काटने के दौरान झाड़ी में छुपे भेड़िए हमला करके घायल कर दिया। बच्चे की होशियारी और चालाकी दिखाते हुए भेड़िए पर हंसिए से पलटवार कर दिया जिसके बाद घायल भेड़िया मौके से भाग गया। शोर की आवाज सुनकर पहुंचे परिजन उसे घर लेकर आये।
भेड़िए के हमले के पीड़ित बुजुर्ग, फोटो- रिपब्लिक
पीड़ितों ने सुनाई भेड़िए के हमले की दास्तां
देवी पुरवा गांव के बुजुर्ग राम प्रकाश पुत्र छोटेलाल को भेड़िये ने दोपहर खेतों पर आराम करने के दौरान मुंह और नाक मे काटते हुए घायल कर दिया। शोर मचाने पर बगल में मौजूद पुत्रों ने दौड़कर पिता को बचाया। आननफानन में परिजन उसे धौरहरा सीएचसी लेकर पहुंचे , जहां डॉक्टरों ने इंजेक्शन लगा कर दवाइयां देकर। उसे दोबारा दिखाने आने को बोला है। देवी पुरवा गांव का ही दिनेश पुत्र सनेही जब घर के बाहर लघुशंका के बैठा ही था कि तभी सामने से आकर भेड़िए ने उस पर हमला बोल दिया शोर मचाने पर जागे परिजनों की भीड़ को देख कर भेड़िया भाग खड़ा हुआ। दूसरी रात भेड़िए ने घर के बाहर बंधी भैंस और गाय पर हमला किया। लोगों के शोर मचाने पर वह भाग गया।
भेड़िए के हमले में घायल शख्स, फोटो- रिपब्लिक
पूरे इलाके में भेड़िया बना दहशत का पर्याय
इलाके में भेड़िए की मौजूदगी गांव वालों में दहशत का पर्याय बन चुका है। गांव वालों का कहना है कि भेड़िए जंगलों से निकल कर हमारे घरों तक पहुंच बना रहे हैं इससे घर के छोटे बच्चों की जान का खतरा है। हालांकि यहां पर अभी गनीमत यह रही कि भेड़िए ने बच्चों पर हमला नहीं किया सिर्फ गाय और भैंसों को ही निशाना बनाया है। ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर भेड़िए झुंड ने नहीं आ रहे हैं वो अकेले ही चुपके से दबे पांव शिकार पर निकलते हैं। गांव वाले रात भर जागते रहो के नारे लगाते रहते हैं। भेड़िया प्रभावित गांवों में रात भर पहरेदारी और रखवाली का सिलसिला चल रहा है। गांव वाले बारी-बारी से अपने परिवार की हिफाजत के रात को जाग रहे हैं।
भेड़िया नहीं पागल सियार है वो रेंजर का दावा
वहीं इस मामले में जब धौरहरा वन रेन्ज के रेंजर नृपेन्द्र कुमार चतुर्वेदी से रिपब्लिक भारत ने बात की तो उन्होंने बताया कि यह भेड़िया नहीं है यह एक सियार है जो पागल हो चुका है। इसी पागल सियार ने गांव वालों पर हमला किया है। जब सियार पागल हो जाता है तो वो लोगों काटता है। सियार के पागल होने के बाद उसका जीवन काल महज 24 से 36 घंटे बाद मर जाता है। उन्होंने ये भी बताया कि बीते 1-2 दिन से उसको टीम ने पूरे इलाके में ढू्ंढा लेकिन वो दिखाई नहीं दिया है ऐसे में हो सकता है कि उसकी भी मौत हो गई हो।
Updated 22:28 IST, September 8th 2024