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Published 20:40 IST, September 19th 2024

EXPLAINER/ Bahraich:'मादा भेड़िए की आवाज और फिर...', लंगड़े सरदार को पकड़ने का DFO ने बताया मास्टर प्लान

एक्सपर्ट्स के मुताबिक भेड़िए अपने जीवन में सिर्फ एक ही साथी चुनते हैं तो फिर DFO के लिए ये बड़ा चैलेंज होगा कि उसके मादा साथी की आवाज को वो कैसे पहचानेंगे?

Reported by: Ravindra Singh
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UP Wolf Attack
भेड़िए के लंगड़े सरदार को पकड़ने का DFO ने बताया मास्टर प्लान | Image: Republic

Bahraich Master Plan to Capture Lame Wolf: बहराइच में भेड़िए का आतंक खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। बीते तीन दिनों से तो किसी हमले की खबर नहीं आई थी लेकिन गुरुवार (19 सितंबर) को एक 11 वर्षीय बच्चे को फिर भेड़िए ने हमला कर जख्मी कर दिया। अब बहराइच के डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट ऑफिसर अजित सिंह ने बहराइच की महसी तहसील के 50 गांवों में आतंक मचाने वाले भेड़िए के लंगड़े सरदार को पकड़ने के लिए एक नया प्लान बनाया है। अजित सिंह ने बताया कि भेड़िए के झुंड के सभी भेड़िए पकड़े जा चुके लेकिन झुंड का सरदार लंगड़ा भेड़िया अभी भी पकड़ में नहीं आया है। उसे पकड़ने के लिए हम कई नई तरकीबों का इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे की वो जल्दी ही हमारी पकड़ में होगा।

बहराइच की महसी तहसील में भेड़िए के झुंड ने बीते 3 महीनों से आतंक मचा रखा है। हालांकि इस दौरान सरकार ने 5 भेड़िए पकड़ भी लिए लेकिन अभी भी झुंड का एक भेड़िया फरार है जो कि वन विभाग के अधिकारियों के हत्थे नहीं चढ़ा है। वो भेड़िया बहुत ही चालाक है इलाके के लोग बताते हैं कि वो भेड़िया लंगड़ा है और वही इन भेड़ियों के झुंड का सरदार है। डीएफओ अजित सिंह ने रिपब्लिक भारत से बातचीत करते हुए बताया, 'एक ही भेड़िया अब बचा हुआ है जो कि इधर-उधर भटक रहा है। हम उसे पकड़ने के लिए इस बार एक नई तरकीब लेकर आए हैं। इस बार वो बचकर निकल नहीं सकता है।'


भेड़िए के लंगड़े सरदार को पकड़ने के लिए DFO का मास्टर प्लान?

बहराइच के डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट ऑफिसर अजित सिंह ने इस बार लंगड़े भेड़िए को पकड़ने का नया प्लान बताया है। उन्होंने कहा कि हम इस बार भेड़िए के लंगड़े सरदार को पकड़ने के लिए मादा भेड़िए की आवाज निकलवाएंगे। मादा भेड़िए की आवाज सुनकर लंगड़ा भेड़िया अपनी मांद से बाहर आएगा और तब वन विभाग की टीम उसे आसानी से दबोच लेगी। उन्होंने कहा कि हम इसके लिए साउंड सिस्टम का प्रयोग करेंगे अगर आवाज लंगड़े भेड़िए तक पहुंचती है तो हमारा प्रयोग सफल होगा नहीं तो ये प्रयोग भी असफल हो जाएगा।


भेड़िए अपने साथी के प्रति होते हैं वफादार, चुनते हैं सिर्फ एक जीवनसाथी

एक्सपर्ट्स की मानें तो भेड़िए अपने जीवन साथी के प्रति इंसानों की तरह से वफादार होते हैं। अगर वो एक साथी चुन लेते हैं तो ताउम्र उसी के साथ गुजारा करते हैं। भेड़िए के बारे में जब हमने थोड़ा और रिसर्च किया तो पता चला कि भेड़िया और जानवरों की तुलना में बिलकुल अलग होता है। भेड़िए का रहन सहन कुछ-कुछ इंसानों से मिलता जुलता है। जैसे इंसान अपनी मां और बहन को कभी काम वासना की नजरों से नहीं देखते हैं वैसे ही भेड़िए भी अपनी बहन या मां के साथ सेक्सुअल रिलेशनशिप नहीं बनाते हैं। वो अपना एक जीवनसाथी चुनते हैं और पूरी उम्र उसी के साथ बिताते हैं। ये अपने साथी के प्रति पूरी तरह से वफादार होते हैं और एक साथी चुनने के बाद बार-बार किसी और मादा के साथ सहवास के लिए नहीं जाते हैं।  

...तो फेल हो जाएगा DFO का मास्टर प्लान

रिसर्च और एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर भेड़िए अपने जीवन में सिर्फ एक ही साथी चुनते हैं तो फिर DFO के लिए ये एक बड़ा चैलेंज होगा कि उसकी मादा साथी की आवाज को वो कैसे पहचानेंगे और जब तक भेड़िए का लंगड़ा सरदार अपनी मादा साथी की आवाज नहीं सुनेगा वो बाहर क्यों निकलेगा? बहरहाल इसका पता तो तब चलेगा जब बहराइच के डीएफओ अजित सिंह अपना प्रयोग शुरू करेंगे।  तब तक उन्हें सिर्फ इतना ही ध्यान रखना है कि बहराइच में अब कोई और भेड़िए का शिकार न बनने पाए। 

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Updated 20:40 IST, September 19th 2024