अपडेटेड 1 December 2024 at 13:39 IST
बदायूं जामा मस्जिद पर विवाद में बरेली के मौलाना कूदे; बोले-आज संप्रदायिक सोच रखने वालों की नजर लग गई
बदायूं की जामा मस्जिद में नीलकंठ महादेव मंदिर होने का दावा किया गया है। अब इस दावे को बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने खारिज किया है।
- भारत
- 3 min read

उत्तर प्रदेश के संभल के बाद अब बदायूं की जामा मस्जिद में नीलकंठ महादेव मंदिर होने का दावा किया गया है। हिंदू पक्ष की ओर से इस संबंध में कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। स्थानीय अदालत में शनिवार को मामले की सुनवाई भी हुई। अब कोर्ट 3 दिसंबर को तय करेगी कि याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं। मगर कोर्ट के फैसले से पहले ही बदायूं जामा मस्जिद को लेकर सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी की मामले पर प्रतिक्रिया आई है।
शहाबुद्दीन रजवी ने बदायूं जामा मस्जिद के प्रकरण पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हिंदुस्तान के बादशाह शमशुद्दीन अल्तमश ने 1223 ईसवी में बदायूं में एक मस्जिद का निर्माण कराया, जो शम्सी जामा मस्जिद बदायूं के नाम से जानी जाती है। बादशाह शमशुद्दीन सूफी विचार धारा के प्रबल प्रचारक थे, सूफी ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती अजमेरी, सूफी ख़्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी से खास अकीदत रखते थे। वो जब बदायूं आये उन्होंने कुछ दिन यहां विश्राम किया, कोई मस्जिद न होने की वजह से उन्होंने इस मस्जिद का निर्माण कराया, जिसको आज सम्प्रदायिक सोच रखने वालों की नजर लग गयी है।
भारत को सम्प्रदायिक सोच वालों की नजर लगी-मौलाना रजवी
मौलाना ने आगे कहा कि ब्रिटिश शासन काल के इतिहास 1856 में मस्जिद का उल्लेख मिलता है, उस दौर में इतिहास पर लिखी जाने वाली अंग्रेजी, फारसी, उर्दू की तमाम किताबों में मस्जिद का उल्लेख किया गया है। बदायूं शहर वैसे भी बड़ा तारीखी शहर है, और उसका अपना एक इतिहास है। मगर इसे हमारे देश को सम्प्रदायिक सोच रखने वालों की नजर लग गयी है।
मौलाना रजवी ने की पीएम मोदी से अपील
पीएम मोदी से अपील करते हुए मौलाना रजवी ने कहा, भारत गंगा जमुनी तहजीब और हिंदू मुस्लिम भाईचारे के नाम से पूरी दुनिया में पहचाना जाता है। मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से गुजारिश करुंगा कि वो इन तमाम मामलात में मुदाखिलत और हस्तक्षेप करें। पूरे देश में सर्वे के नाम पर सम्प्रदायिक दंगे और तनाव फैलाया जा रहा है। इसको रोकने की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री मोदी निभाये।
Advertisement
3 दिसंबर को कोर्ट में सुनवाई
बता दें कि बदायूं की अदालत में जामा मस्जिद के नीलकंठ महादेव मंदिर होने के मामले की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रही है। शनिवार (30-11-2024) को जामा मस्जिद की इंतियामिया कमेटी की ओर से पक्ष रखा गया लेकिन बहस पूरी नहीं हो सकती जिसके चलते कोर्ट ने 3 दिसंबर को अगली तारीख दी है।
Advertisement
Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 1 December 2024 at 13:39 IST