अपडेटेड 4 January 2024 at 11:26 IST
मंडप पर छत, पैरों में जूते और सिर पर पगड़ी नहीं, 500 साल बाद पूरी होगी क्षत्रियों की 'राम प्रतिज्ञा'
अयोध्या में जब बाबर का सेना पति मीर बांकी ने रामलला का मंदिर तोड़कर मस्जिद का निर्माण कराना शुरू किया, तो सरायरासी गांव के क्षत्रिय समाज ने उसका विरोध किया।
- भारत
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Ayodhya Ram Mandir : अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तारीख तय हो गई है। 500 सालों के इंतजार के बाद रामलला अपने घर में विराजने जा रहे है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से अयोध्या के सरायरासी गांव की प्रतिज्ञा जुड़ी है। इस गांव के सूर्यवंशी क्षत्रियों ने करीब 500 सालों तक शान दिखाने वाले किसी भी काम से परहेज किया है। यहां के राजपूत ना तो बेटियों की शादी में मंडप पर छत बनाते हैं, ना पगड़ी पहनते हैं और ना ही पैरों में चमड़े के जूते पहनते हैं। प्राण प्रतिष्ठा के दिन यहां के सूर्यवंशी राजूपत होली और दिवाली दोनों एक साथ मनाने की बात कर रहे हैं।
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- क्षत्रिय समाज ने किया था मीर बांकी का विरोध
- 9वीं पीढ़ी निभा रही पुरखों की ‘राम प्रतिज्ञा’
- 22 जनवरी को मनेगी होली और दिवाली
हाड़ कपांती इस ठंड में भी सरायरासी गांव के सूर्यवंशी क्षत्रिय नंगे पांव ही रहते हैं। ऐसा नहीं है कि इन पांवों को ठंड नहीं लगती, ऐसा नहीं है कि इन पांवों में कांटे नहीं चुभते, ऐसा भी नहीं है कि इन पांवों में छाले नहीं पड़ने का वरदान है... बल्कि सरायरासी के ग्रामीण सदियों पुरानी उस प्रतिज्ञा को निभा रहे हैं जिन्हें 500 साल पहले इनके पुरखों ने लिया था।
क्षत्रिय समाज ने किया था मीर बांकी का विरोध
अयोध्या में जब बाबर के सेना पति मीर बांकी ने रामलला का मंदिर तोड़कर मस्जिद का निर्माण कराना शुरू किया था, तो इस गांव के क्षत्रिय समाज ने उसका विरोध किया। ठाकुर गजराज सिंह ने आस-पास के क्षत्रियों सहित अन्य जातियों के करीब 90 हजार लोगों को इकट्ठा किया और सूर्य मंदिर के सामने शपथ ली थी कि वो जब तक राम मंदिर बनवा नहीं लेंगे तब तक ना पैर में जूते पहनेंगे, ना सिर पर पगड़ी और छाता लगाएंगे। इस प्रतिज्ञा के बाद गजराज सिंह ने 90 हजार सैनिकों के साथ जाकर मीर बांकी से लोहा लिया था।
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9वीं पीढ़ी निभा रही प्रतिज्ञा
ठाकुर गजराज सिंह और मीर बांकी के बीच करीब 7 दिनों तक भयंकर युद्ध चला था। इस दौरान ठाकुर गजराज सिंह के करीब 90 हजार सैनिक राम मंदिर के लिए शहीद हो गए। युद्धक्षेत्र की जमीन खून से लाल हो गई। बताते हैं कि उसी खून और मिट्टी के गारे से मस्जिद का निर्माण कराया गया था। आज ठाकुर गजराज सिंह और उनके साथियों की 9वीं पीढ़ी उसी प्रतिज्ञा का निर्वहन कर रहा है।
22 जनवरी को मनेगी होली और दिवाली
इस गांव की प्रतिज्ञा कितनी कठिन है, इसे हम और आप शायद समझ भी नहीं पाएंगे। जरा सोचिए जिनके परिवारों ने 500 सालों से शान रखने वाला कोई भी काम नहीं किया, सिर्फ इस इंजतार में कि एक दिन उनकी और उनके पुरखों की प्रतिज्ञा पूरी होगी और अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनेगा। इंतजार लंबा था, लेकिन कहते हैं ना कि समय का चक्र बदलता है। अंधेरा कितना भी घना हो लेकिन सुबह होती है। इन गांवों वालों का भी अंधेरा छटा और अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने जा रहा है। सदियों के इंतजार के बाद हो रहे राम मंदिर निर्माण से सूर्यवंशियों के इस गांव में खुशी का ठिकाना नहीं है। गांव के लोग राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के दिन होली और दिवाली दोनों मनाने की बात कह रहे है।
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Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 3 January 2024 at 23:11 IST