अपडेटेड 27 November 2025 at 15:03 IST
BJP ने मनाया संविधान दिवस तो अयोध्या से सपा सांसद अवधेश प्रसाद को लगी मिर्ची, कहा- नौटंकी, दिखावा, वो धर्मनिर्पेक्षता में...
सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि BJP का संविधान दिवस मनाना एक नौटंकी और दिखावा था।
- भारत
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देशभर में 26 नवंबर को राष्ट्रीय संविधान दिवस मनाया गया। संविधान दिवस 2025 पर पुराने संसद भवन में राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति सी पी राधाकृष्णन समेत कई केंद्रीय मंत्री शामिल हुए। वहीं, बीजेपी शासित राज्यों में भी संविधान दिवस पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस लेकर समाजवादी पार्टी के नेता और अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद ने BJP पर हमला बोला है और कहा है कि उनका संविधान दिवस मनाना एक दिखावा है, एक धोखा है।
सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा, "बाबा साहेब अंबेडकर ने संविधान बनाया था और 26 नवंबर को संविधान की प्रस्तावना अपनाई गई थी। इसमें लिखा है कि हम, भारत के लोग, समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता को अपनाते हैं, लेकिन भाजपा यह नहीं मानती और हमारे संविधान में दिए गए वोट के अधिकार को खत्म करने की कोशिश कर रही है। उनका संविधान दिवस मनाना एक दिखावा है, एक धोखा है।"
BJP संविधान दिवस मनाना नौटंकी-अवधेश प्रसाद
न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए, अवैध प्रसाद ने कहा, BJP का संविधान दिवस मनाना एक नौटंकी और दिखावा था। बीजेपी समाजवाद या सेक्युलरिज्म में विश्वास नहीं करती। यह हमारे संविधान में दिए गए अदालतों के अधिकार क्षेत्र को कम करने की पूरी कोशिश कर रही है। संविधान की प्रस्तावना में जो शब्द लिखे हैं, बीजेपी उसे मानती ही नहीं है।
संविधान दिवस की 75वीं सालगिरह
भारत ने बुधवार को संविधान को अपनाने की 75वीं सालगिरह संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में एक बड़े राष्ट्रीय समारोह के साथ मनाई, जिसमें संविधान के आदर्शों और मूल्यों के प्रति भारत की सामूहिक प्रतिबद्धता को दोहराया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने समारोह की अध्यक्षता की। इस मौके पर राष्ट्रपति ने लेजिस्लेटिव डिपार्टमेंट द्वारा तैयार नौ भाषाओं - मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, ओडिया और असमिया - में भारत का संविधान जारी किया।
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राष्ट्रपति ने अपने भाषण में कहा, संवैधानिक आदर्शों में शामिल सबको साथ लेकर चलने वाला नजरिया हमारे शासन सिस्टम को दिशा देता है। उन्होंने कहा कि 2015 में, बाबासाहेब अंबेडकर की 125वीं जयंती के साल में, हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने का फ़ैसला किया गया था। वह फैसला सच में बहुत मायने रखता है।
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Published By : Sujeet Kumar
पब्लिश्ड 27 November 2025 at 15:03 IST