अपडेटेड 3 April 2025 at 12:58 IST

मोहम्मद शमी की बहन को प्रधान सास ने बनाया मजदूर फिर लाखों की धांधली, अब DM ने दिए वसूलने के आदेश; जानिए क्या है माजरा

अमरोहा में मनरेगा घोटाले में किक्रेटर मोहम्मद शमी की बहन शबीना का भी नाम सामने आया है। शबीना और उनके ससुराल पक्ष के कई लोग इस घोटाले में शामिल पाए गए हैं।

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Mohammed Shami With sister
Mohammed Shami With sister | Image: Instagram mdshami.11

उत्तर प्रदेश के अमरोहा में मनरेगा घोटाले में कार्रवाई के आदेश दे दिए गए हैं। जांच में कई ऐसे नाम आए हैं जो काफी हैरान करने वाला है। घोटाले में 
टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी की बहन शबीना और उनके ससुराल वालों के कई लोगों का नाम सामने आया है। DM निधि गुप्ता वत्स ने दोषियों पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। अब दोषियों से वसूली की तैयारी की जा रही है।


अमरोहा में मनरेगा घोटाले में किक्रेटर मोहम्मद शमी की बहन शबीना का भी नाम सामने आया है। शबीना और उनके ससुराल पक्ष के कई लोग इस घोटाले में शामिल पाए गए हैं। अब दोषियों से वसूली की तैयारी की जा रही है। अब शबीना की सास से 8.68 लाख रुपये की वसूली होगी और उनके अधिकार सीज किए जाएंगे। बता दें कि DM ने इस घोटाले में दोषी पाए जाने के बाद आठ अधिकारी-कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है।

शबीना की सास से वसूली जाएगी इतनी रकम

DM के आदेश के बाद शबीना की सास गुले आयशा से 8.68 लाख रुपये की वसूली की जाएगी। इसके साथ ही डीएम ने तत्कालीन तीन पंचायत सचिव उमा, अंजुम और पृथ्वी, एपीओ ब्रजभान सिंह समेत आठ अधिकारी-कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। तत्कालीन बीडीओ प्रतिमा अग्रवाल के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा है। बता दें कि मोहम्मद शमी की बहन की सास ही मनरेगा फर्जीवाड़े से जुड़े गांव पलौला की प्रधान हैं। उनके अधिकार भी सीज होंगे।

पलौला की प्रधान हैं शबीना की सास

मोहम्मद शमी की बहन शबीना, बहनोई गजनबी और कुछ अन्य परिजनों को मनरेगा मजदूर दर्शाकर बड़ा भुगतान लेने के मामले में शबीना की सास गुले आयशा से 8.68 लाख रुपये की वसूली की जाएगी। शमी की बहन शबीना की सास ही मनरेगा फर्जीवाड़े से जुड़े गांव पलौला की प्रधान हैं। उनके अधिकार भी सीज होंगे। मामले की जांच कमेटी ने बुधवार को रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है। जांच में कमेटी ने तत्कालीन बीडीओ व चार सचिवों समेत कुल 11 लोगों को फर्जीवाड़े का दोषी माना है।

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कर्मचारी-अधिकारी समेत 8 पर FIR

जांच रिपोर्ट मिलने के बाद डीएम ने बीडीओ और एक सचिव पर विभागीय कार्रवाई तथा तीन सचिवों समेत आठ कर्मियों पर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए है। साथ ही प्रधान (शमी की बहन की सास) से मनरेगा मजदूरी के तहत निकाली गई 8.68 लाख रुपये की रिकवरी के लिए कहा है। प्रधान के रूप में उनके अधिकार सीज करने की कार्रवाई की जाएगी। तत्कालीन रोजगार सेवक झम्मन लाल, कंप्यूटर ऑपरेटर शराफत अली, तकनीकी सहायक अजय निमेष व लेखाकार विजेंद्र सिंह को भी दोषी पाया है।
 

दोषी कर्मचारियों पर निलंबन की कार्रवाई 

डीएम निधि गुप्ता वत्स ने कहा कि दोषी कर्मचारियों पर निलंबन की कार्रवाई भी होगी। डीएम ने परियोजना निदेशक और डीसी मनरेगा अमरेंद्र प्रताप सिंह को इस मामले की जांच सौंपी थी। कमेटी पिछले एक सप्ताह से मनरेगा में फर्जीवाड़े के हर पहलु को ध्यान में रखकर जांच कर रही थी। जांच में प्रधान के परिवार के आठ लोगों समेत कुल 18 लोगों द्वारा बिना मजदूरी किए 8.68 लाख रुपये की रकम निकालने की बात सामने आई है। इसमें ब्लॉक के कर्मचारी भी दोषी पाए गए हैं। 
 

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Published By : Rupam Kumari

पब्लिश्ड 3 April 2025 at 12:58 IST