Published 23:17 IST, September 26th 2024
सहायक प्रोफेसर की प्रोन्नति में देरी पर सख्त हुआ इलाहाबाद हाई कोर्ट, BHU के कुलपति से मांगा जवाब
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक आदेश में BHU के कुलपति को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने को कहा है। जिसमें सहायक प्रोफेसर की प्रोन्नति में देरी का जवाब मांगा है।
Allahabad High Court: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक आदेश में काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कुलपति को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर यह बताने को कहा है कि एक सहायक प्रोफेसर की प्रोन्नति को लेकर कार्यकारी परिषद द्वारा पारित प्रस्ताव को लागू करने में विलंब क्यों किया जा रहा है।
विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद ने सहायक प्रोफेसर एवं याचिकाकर्ता डॉ. सुशील कुमार दूबे की प्रोन्नति को लेकर चार जून, 2021 को प्रस्ताव पारित किया था। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के आयुर्वेद विभाग में सहायक प्रोफेसर सुशील कुमार दूबे द्वारा दायर याचिका पर बुधवार को न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने यह आदेश दिया।
याचिकाकर्ता के मुताबिक, चार जून, 2021 को कार्यकारी परिषद की बैठक में उनकी प्रोन्नति ‘स्टेज-2’ से ‘स्टेज-3’ में करने की सिफारिश की गई थी, लेकिन आज की तिथि तक भी इस निर्णय को लागू नहीं किया गया और तीन वर्ष से अधिक का समय बीत गया है। कुलपति की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ने दलील दी, ‘‘यद्यपि कार्यकारी परिषद का चार जून, 2021 का प्रस्ताव अस्तित्व में है, लेकिन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के 23 फरवरी, 2021 के पत्र के आलोक में इस मामले में पुनर्विचार किए जाने की जरूरत है।’’
अदालत ने कुलपति को एक सप्ताह के भीतर व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हुए कहा, ‘‘प्रथम दृष्टया यह कार्यकारी परिषद के निर्णय को कुलपति द्वारा जानबूझकर रोके रखने का मामला दिखता है।’’ अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई की तिथि 15 अक्टूबर तय की।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Updated 23:17 IST, September 26th 2024