अपडेटेड 21 October 2025 at 17:01 IST

'इतना कम बोनस', गुस्साए कर्मचारियों ने दिवाली पर किया ऐसा काम, सरकार को लगा लाखों का चूना; जनता की बल्ले-बल्ले

टोल अधिकारियों ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि सभी की मासिक सैलरी में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाएगी। इस ठोस आश्वासन के बाद, करीब दो घंटे के बड़े व्यवधान के बाद कर्मचारियों ने काम फिर से शुरू किया और टोल संचालन सामान्य हो सका।

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lucknow agra expressway | Image: Wikipedia
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दिवाली का मौका था, और जहां एक ओर कुछ कंपनियां अपने कर्मचारियों को खुश करने के लिए दिल खोलकर बोनस और तोहफे बांट रही थीं, वहीं यूपी में बोनस की छोटी रकम को लेकर कर्मचारियों का गुस्सा ऐसा फूटा कि सरकार को लाखों का चूना लग गया। मामला है आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर स्थित फतेहाबाद टोल प्लाजा का, जहां दिवाली बोनस से नाराज़ कर्मचारियों ने लगभग दो घंटे तक टोल गेट खोलकर हजारों वाहनों को बिना भुगतान के गुज़रने दिया।

टोल प्लाजा का संचालन करने वाली कंपनी 'श्री साइन एंड डेटार कंपनी' के 21 कर्मचारियों को इस साल मात्र 1100 रुपये का दिवाली बोनस मिला। कर्मचारियों का यह राशि पाकर गुस्सा फूट पड़ा। उनका तर्क था कि पिछले साल उन्हें 5000 रुपये का बोनस दिया गया था, इसलिए इस बार भी ज़्यादा बोनस मिलना चाहिए था। अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करने के लिए, सभी कर्मचारियों ने सामूहिक रूप से काम बंद कर दिया।

पुलिस को मौके पर बुलाना पड़ा

गुस्साए कर्मचारियों ने टोल प्लाजा के सभी गेट खोल दिए। देखते ही देखते, हजारों वाहन बिना टोल शुल्क चुकाए तेज़ी से एक्सप्रेस-वे पर आगे बढ़ते चले गए। हालात इतने बेकाबू हो गए कि कंपनी के अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए और उन्हें पुलिस को मौके पर बुलाना पड़ा। कंपनी ने इसी साल मार्च में ही टोल का प्रबंधन संभाला था। अधिकारियों ने कर्मचारियों को समझाने की लाख कोशिश की, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे। आखिरकार, कंपनी को झुकना पड़ा।

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टोल अधिकारियों ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि सभी की मासिक सैलरी में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाएगी। इस ठोस आश्वासन के बाद, करीब दो घंटे के बड़े व्यवधान के बाद कर्मचारियों ने काम फिर से शुरू किया और टोल संचालन सामान्य हो सका।

कर्मचारियों को मना लिया गया

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इस दो घंटे की 'फ्री-वे' सुविधा के कारण सरकार को लाखों रुपये का बड़ा नुकसान झेलना पड़ा। कंपनी ने अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने मार्च में ही अनुबंध संभाला था, इसलिए वे पूरे साल का बोनस नहीं दे सकते थे। यह घटना पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी रही। घंटों चली पुलिस की मशक्कत और कंपनी के आश्वासन के बाद ही यह 'बोनस बगावत' शांत हो सकी।

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Published By : Subodh Gargya

पब्लिश्ड 21 October 2025 at 17:01 IST