अपडेटेड 19 January 2025 at 20:11 IST
Mahakumbh में 7 करोड़ रुद्राक्ष मालाओं से बनाए गए 12 ज्योतिर्लिंग, शिव नगरी देखने दुनियाभर से आ रहे श्रद्धालु
Mahakumbh 2025: संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है। यहां 7 करोड़ 51 लाख रुद्राक्ष की मालाओं से बने 12 ज्योतिर्लिंग देखे गए हैं।
- भारत
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Mahakumbh 2025: संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है। दुनियाभर से करोड़ों श्रद्धालु हर दिन महाकुंभ मेले में आकर संगम में डुबकी लगा रहे हैं। इस बीच, धार्मिक आयोजन से एक ऐसी मनमोहक तस्वीर सामने आई है जिसे देख शिवभक्तों का दिल खुश हो जाएगा। दरअसल, महाकुंभ मेले में 7 करोड़ 51 लाख रुद्राक्ष की मालाओं से बने 12 ज्योतिर्लिंग देखे गए हैं।
महाकुंभ में बने ये 12 ज्योतिर्लिंग दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। इस परियोजना के पीछे मौनी बाबा की मेहनत है जिन्होंने एक खास उद्देश्य के साथ शिवलिंग बनाए हैं। उनका मकसद था आतंकवाद का खात्मा और बांग्लादेशी हिंदुओं की रक्षा करना।
महाकुंभ में 7 करोड़ रुद्राक्ष की मालाओं से बने 12 ज्योतिर्लिंग
ज्योतिर्लिंगों की नींव लोहे के शिवलिंगों से रखी गई थी, जिन्हें बाद में रुद्राक्ष की मालाओं से सजाया गया। बाबा ने इसके बारे में बताते हुए कहा था- “37 सालों से, मैं एक मुखी से लेकर 26 मुखी तक विभिन्न रुद्राक्ष मोतियों से शिवलिंग बना रहा हूं और उनकी पूजा कर रहा हूं।”
आपको बता दें कि महाकुंभ के सेक्टर 6 में बने हर ज्योतिर्लिंग 11 फीट ऊंचे, 9 फीट चौड़े और 7 फीट मोटे हैं। इसके चारों ओर 7 करोड़ 51 लाख रुद्राक्ष की माला लिपटी हुई हैं जो 10 हजार गांवों में घूमकर और मांगकर इकट्ठा की गई हैं।
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रुद्राक्ष की माला से बनी शिव नगरी
शिव नगरी पूरी तरह से रुद्राक्ष की माला से बनी दुनिया की पहली नगरी है। 12 ज्योतिर्लिंग को बहुत सोच-समझकर अपनी-अपनी जगह पर रखा गया है जिनमें छह उत्तर की ओर और छह दक्षिण की ओर हैं। महाकाल शिवलिंग दुनियाभर में ऐसा इकलौता शिवलिंग है जिसका मुख दक्षिण की ओर है। ये उसके आध्यात्मिक महत्व को बढ़ाता है।
बाबा के अनुसार, रुद्राक्ष की माला को पवित्र माना जाता है और उनकी दिव्य क्षमता को उजागर करने के लिए प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान की जरूरत होती है। इसके अलावा, बाबा ने अलग-अलग तरह के रुद्राक्ष के लाभों के बारे में भी बताया। आठ और नौ मुखी रुद्राक्ष समृद्धि लेकर आते हैं, जिससे घर में देवी लक्ष्मी आती हैं। जबकि दस और ग्यारह मुखी मोती करियर में सफलता बढ़ाने वाले माने जाते हैं। उन्होंने बताया कि शिव नगरी न केवल रुद्राक्ष के आध्यात्मिक और औषधीय महत्व को दर्शाती है, बल्कि इन मोतियों से जुड़े मिथकों को भी दूर करती है। महाकुंभ आने वाले हर श्रद्धालु को एक बार शिव नगरी स्थल पर जरूर जाना चाहिए।
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Published By : Sakshi Bansal
पब्लिश्ड 19 January 2025 at 20:11 IST