अपडेटेड 20 August 2024 at 17:12 IST

PM मोदी ने संविधान के प्रति प्रतिबद्धता दिखाई: Lateral entry वाले फैसले पर बोले अश्विनी वैष्णव

नरेंद्र मोदी सरकार ने लेटरल एंट्री पर रोक लगा दी है और UPSC को सीधी भर्ती वाला विज्ञापन रद्द करने का आदेश दिया है।

Follow : Google News Icon  
Ashwini Vaishnaw
यूपीएससी विज्ञापन रद्द करने पर अश्विनी वैष्णव ने बयान दिया। | Image: PTI

Ashiwini Vaishnaw: लेटरल एंट्री से जुड़ा फैसला वापस लिए जाने के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय के माध्यम से बाबासाहेब के संविधान के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी ने हमेशा सामाजिक न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) से नौकरशाही में लेटरल एंट्री के लिए नवीनतम विज्ञापन रद्द करने को कहा।

अश्विनी वैष्णव ने कहा, 'आज पीएम मोदी ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय के माध्यम से बाबासाहेब के संविधान के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाया है। यूपीएससी में लेटरल एंट्री की बहुत ही पारदर्शी पद्धति में आरक्षण के सिद्धांतों को लागू करने का निर्णय लिया गया है। पीएम मोदी ने हमेशा सामाजिक न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है।'

आरक्षण सिद्धांत लाना PM मोदी की प्रतिबद्धता- अश्विनी

उन्होंने कहा, 'यूपीए सरकार के दौरान आरक्षण के सिद्धांतों को ध्यान में नहीं रखा गया था। क्या उस समय कांग्रेस ने सिद्धांत को ध्यान में रखा था? उन्हें इसका जवाब देना चाहिए। यूपीएससी के माध्यम से लेटरल एंट्री लाना पीएम मोदी की ओर से पारदर्शिता लाने का एक तरीका था। अब इसमें आरक्षण सिद्धांत लाना सामाजिक न्याय और संविधान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।'

सरकार ने लेटरल एंट्री पर रोक लगाई

नरेंद्र मोदी सरकार ने लेटरल एंट्री पर रोक लगा दी है और UPSC को सीधी भर्ती वाला विज्ञापन रद्द करने का आदेश दिया है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी की अध्यक्ष प्रीति सूदन को लिखे पत्र में कहा कि विज्ञापन रद्द कर दिया जाए, ताकि कमजोर वर्गों को सरकारी सेवाओं में उनका उचित प्रतिनिधित्व मिल सके। अपने पत्र में जितेंद्र सिंह ने कहा, 'हमारी सरकार का प्रयास प्रक्रिया को संस्थागत रूप से संचालित, पारदर्शी और खुला बनाने का रहा है। प्रधानमंत्री का दृढ़ विश्वास है कि लेटरल एंट्री की प्रक्रिया को हमारे संविधान में निहित समानता और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के साथ जोड़ा जाना चाहिए, विशेष रूप से आरक्षण के प्रावधानों के संबंध में। प्रधानमंत्री के लिए सार्वजनिक रोजगार में आरक्षण हमारे सामाजिक न्याय ढांचे की आधारशिला है, जिसका उद्देश्य ऐतिहासिक अन्याय को दूर करना और समावेशिता को बढ़ावा देना है।'

Advertisement

यह भी पढ़ें: सड़कों पर उतरेगी मायावती की बीएसपी, 21 अगस्त को भारत बंद का किया समर्थन

Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 20 August 2024 at 17:12 IST