अपडेटेड 25 March 2025 at 20:59 IST

1 अप्रैल से इन लोगों का UPI नहीं करेगा काम, Google Pay, Paytm-PhonePe पर भी बंद हो जाएगी सेवा, जानिए क्यों

NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) ने बताया है कि वह उन आईडी को बंद करने जा रहा है, जिन लोगों ने अपना नंबर बैंक रिकॉर्ड में एक्टिन नहीं करवाया है।

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UPI New Rules
UPI करने के नए नियम | Image: Shutterstock

UPI New Rules : अगर आप भी ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए UPI का इस्तेमाल करते हैं तो ये खबर आपके लिए हैं। क्योंकि NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) ने बताया है कि वह उन आईडी को बंद करने जा रहा है, जिन लोगों ने अपना नंबर बैंक रिकॉर्ड में एक्टिन नहीं करवाया है। जी हां,  NPCI ने साफ तौर पर कहा है कि वो यूजर्स जिनके मोबाइल नंबर लंबे वक्त से एक्टिव नहीं है, उनकी UPI सर्विस एक अप्रैल से बंद कर दी जाएगी। 

ऐसे यूजर्स जो ऑनलाइन पेमेंट के लिए Google Pay, PhonePe या फिर Paytm ऐप जैसे ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं, वो बिना किसी रुकावट के UPI पेमेंट अगर जारी रखना चाहते हैं तो, जितना जल्दी हो सके ये जांच कर लें कि उनका मोबाइल नंबर बैंक में अपडेट हो चुका हो।

इनएक्टिव नंबर वालों की UPI सर्विस होगी बंद  

दरअसल, फर्जीवाड़ा और धोखेधड़ी को रोकने के लिए एक अप्रैल से UPI पेमेंट सर्विस से जुड़ा ये नया नियम लागू किया जा रहा है। इसके तहत बैंकों और भुगतान सेवा प्रदाताओं (PSP) को 31 मार्च से पहले अपने डेटाबेस को अपडेट करना होगा ताकि इनएक्टिव औक बदले हुए मोबाइल नंबरों को हटाया जा सके। इसके तहत बैंक 31 मार्च तक इनएक्टिव मोबाइल नंबर को अपने डेटाबेस से रिमूव कर देंगे। 

धोखाधड़ी रोकने के लिए नया नियम

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने धोखाधड़ी रोकने के लिए डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (DIP) पर उपलब्ध मोबाइल नंबर रिवोकेशन लिस्ट (MNRL) का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद इनएक्टिव मोबाइल से जुड़े UPI का इस्तेमाल बंद हो जाएगा। 

जल्द से जल्द नंबर करें अपडेट- NPCI

अगर आप UPI सर्विस को चालू रखना चाहते हैं तो बैंक में अपना मोबाइल नंबर अपडेट कर दें। अगर आपने हाल ही में अपना मोबाइल नंबर बदला है तो उसे तुरंत बैंक में अपडेट करवा लें। वहीं, अगर बैंक से जुड़ा मोबाइल नंबर अगर एक्टिव नहीं है तो उसे दोबारा एक्टिवेट करवाएं।

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UPI अकाउंट में साइबर क्राइम का खतरा बढ़ता है अगर…

NPCI का कहना है डिएक्टिवेट मोबाइल नंबरों से जुड़ी UPI आईडी से फर्जीवाड़ा और साइबर क्राइम का खतरा रहता है। लोग जब नया नंबर लेते हैं, तो पुराना नंबर बंद कर देते हैं लेकिन बैंक में अपडेट नहीं कराते। ऐसे में अगर वह नंबर किसी दूसरे व्यक्ति को मिल जाता है तो वह जानबूझकर या गलती से पुराने UPI अकाउंट से छेड़छाड़ करता है।

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Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 25 March 2025 at 20:59 IST