अपडेटेड 28 February 2023 at 09:12 IST

Assam में हुआ बड़ा धर्मांतरण, 100 से ज्यादा ईसाई परिवारों ने की 'घर वापसी'

Assam: जानकारी के अनुसार धर्म परिवर्तन निर्वाचन क्षेत्र जगीरोड (मारीगांव) में हुआ है। हिंदुओं की इतनी बड़ी संख्या में घर वापसी असम में सुर्खियों में आ गई है।

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ani | Image: self

Assam: असम की हिमंत बिस्वा सरमा सरकार हिंदू परिवारों की घर वापसी को लेकर लगातार चर्चाओं में बनी हुई है। बता दें कि उत्तर पूर्व में यह अब तक का सबसे बड़ा घरवापसी कार्यक्रम बताया जा रहा है। आदिवासी मान्यताओं के अनुसार अनुष्ठान करने के बाद उन्हें वापस तह में शामिल कर लिया गया। 

जानकारी के अनुसार धर्म परिवर्तन निर्वाचन क्षेत्र जगीरोड (मारीगांव) में हुआ है। हिंदुओं की इतनी बड़ी संख्या में घर वापसी असम में सुर्खियों में आ गई है।

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हिंदु परिवारों की हुई घर वापसी

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बता दें कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने असम के मोरीगांव जिले में तिवा आबादी से अपील की कि वे अपनी संस्कृति और पहचान से जुड़े रहें और धर्मांतरण की प्रवृत्ति से सुरक्षित दूरी बनाए रखें, समुदाय के 24 से अधिक परिवार अपनी जड़ों की ओर लौट आए हैं। सोमवार को गोवा (तिवा) राजा के दरबार में एक पारंपरिक समारोह में हिंदू धर्म के लिए मनाया गया। यह समारोह असम में नेल्ली से कार्बी आंगलोंग के रास्ते में मोर्टन गांव में आयोजित किया गया था।

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वहीं तिवा परंपरा के तहत सांस्कृतिक परिषद के नेतृत्व में आयोजित धार्मिक समारोह में 11 परिवारों के 43 सदस्य, जो हाल ही में ईसाई धर्म से परिवर्तित हुए, ने हिंदू धर्म को अपनाया। धर्मांतरण के दौरान व्यक्तियों को पवित्र किया गया था और देवताओं को प्रसन्न करने के लिए किए गए प्रसाद और सफाई अनुष्ठान करने वाले डोलोई के साथ हिंदू धर्म में वापस लौटने की प्रक्रिया हुई थी।

जनजाति सुरक्षा मंच असम और तिवा देवराजा परिषद के आयोजकों ने आरोप लगाया कि उन्हें वित्तीय और अन्य लाभ देकर ईसाई धर्म अपनाने का लालच दिया गया है। साथ ही जनजाति सुरक्षा मंच असम ने सरकार से ईसाई धर्म अपनाने वालों का अनुसूचित जनजाति का दर्जा रद्द करने का आग्रह किया क्योंकि उन्हें अल्पसंख्यक और अनुसूचित जनजाति होने का दोहरा लाभ ना मिल सके।

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Published By : Priya Gandhi

पब्लिश्ड 28 February 2023 at 09:12 IST