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Published 06:43 IST, September 13th 2024

UP: अखिलेश के फर्जी मुठभेड़ आरोप को राज्य सरकार के मंत्रियों ने ठहाराया गलत, जानें...

अखिलेश ने योगी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर पुलिस मुठभेड़ों की आड़ में जानबूझकर 'हत्याओं' की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश 'फर्जी मुठभेड़ों' की राजधानी बन गया है।

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Samajwadi Party president Akhilesh Yadav
Samajwadi Party president Akhilesh Yadav | Image: PTI

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर पुलिस मुठभेड़ों की आड़ में जानबूझकर 'हत्याओं' की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि उत्तर प्रदेश 'फर्जी मुठभेड़ों' की राजधानी बन गया है। यादव के इन आरोपों को प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक समेत कई मंत्रियों तथा पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने गलत बताया है। सपा प्रमुख ने यहां पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित करते हुए दावा किया कि सुलतानपुर के मंगेश यादव सहित अपराध के संदिग्ध व्यक्तियों के साथ हाल में हुई पुलिस मुठभेड़ें दरअसल पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) के सदस्यों को निशाना बनाकर की गई पुलिस कार्रवाई के व्यापक पैटर्न का हिस्सा थीं।

यादव ने कहा…

यादव ने कहा, ‘अन्याय की सारी हदें पार कर दी गई हैं।’ उन्होंने इन मुठभेड़ों की वैधता पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘क्या आज के समय में कोई कल्पना कर सकता है कि किसी व्यक्ति का मुंह बंद कर दिया जाएगा, उसे बांध दिया जाएगा और पीट-पीटकर मार दिया जाएगा?’ पूर्व मुख्यमंत्री यादव ने सुबूतों में विसंगतियों का हवाला देते हुए कहा कि मुठभेड़ की कहानी गढ़ी गई है। उन्होंने कहा, 'यह जगजाहिर है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के तहत फर्जी मुठभेड़ें हुई हैं। मंगेश यादव की हत्या गांव और आसपास के इलाकों में लोगों के बीच जगजाहिर थी। पुलिस रात में आई थी और उसे उसके सामान के साथ ले गई थी।'

इस मामले से निपटने के सरकार के तरीके की आलोचना करते हुए यादव ने भाजपा पर उत्तर प्रदेश को 'फर्जी मुठभेड़ों की राजधानी' बनाने का आरोप लगाया। पाठक ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर पीड़ितों के बजाय अपराधियों का पक्ष लेने का आरोप लगाया।

उन्होंने सपा पर लगातार अपराधियों का समर्थन करने का आरोप लगाया और कहा कि अखिलेश यादव ने लूट कांड का शिकार हुए सर्राफा व्यवसायी के परिवार के समर्थन में एक शब्द भी नहीं बोला, बल्कि आरोपियों के साथ खड़े रहे। पाठक ने कहा, 'हमारी सरकार की प्रतिबद्धता है कि अपराधी सिर्फ अपराधी है और उसकी कोई जाति नहीं होती। सभी समुदायों के लोग हमारे साथ जुड़े हुए हैं।'

डीजीपी प्रशांत कुमार ने पूर्व मुख्यमंत्री के इन आरोपों और दावों को सिरे से खारिज कर दिया।

कुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'मैं ऐसे आरोपों का पूरी तरह खंडन करता हूं। किसी अपराधी की जाति या समुदाय को ध्यान में रखकर कोई कार्रवाई नहीं की जाती। अगर यह पाया जाता है कि किसी ने निजी लाभ के लिए कार्रवाई की है तो उसकी जांच और उस पर कार्रवाई की पर्याप्त व्यवस्था है।'

उन्होंने कहा कि पुलिस ने सुबूतों की गहन जांच के बाद ही कार्रवाई की है तथा सारी कार्रवाई निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से की गई। कुमार ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपराध के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को लागू करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।’ इस बीच, राज्य के कारागार मंत्री दारा सिंह चौहान ने यादव की टिप्पणी की निंदा करते हुए इसे 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया।

चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाने का काम प्रभावी ढंग से किया है और पुलिस की कार्रवाई की सभी सराहना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'पुलिस ने एक ऐसे अपराधी को मार गिराया है, जिसके सिर पर लाखों का इनाम था। मैं अखिलेश यादव के बयान और उनके द्वारा की गई जातिवादी राजनीति की निंदा करता हूं। विकास और कानून के मामले में उत्तर प्रदेश पूरे देश में एक आदर्श बन गया है।'

कैबिनेट मंत्री और राज्य में भाजपा के सहयोगी निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद ने सुलतानपुर मुठभेड़ के बारे में 'भ्रामक' बयान देने के लिए विपक्षी नेताओं की आलोचना की और कहा कि ‘अपराधी की कोई जाति नहीं होती।’ पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर और भाजपा के एक अन्य सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने सवाल किया, 'जब पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान शहीद होते हैं तो समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव चुप क्यों रहते हैं।'

राजभर ने कहा, 'सर्राफा एसोसिएशन ने सुलतानपुर डकैती को सुलझाने के लिए पुलिस की प्रशंसा की है। अखिलेश यादव को यह स्पष्ट करना चाहिए कि आरोपी अपराधी था या नहीं।'

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Updated 06:43 IST, September 13th 2024