अपडेटेड 4 July 2024 at 14:33 IST
भगदड़ ने छीन लिया 5 बच्चों के सिर से मां का आंचल, साल भर पहले जुड़ी रामश्री की दर्द भरी दास्तां
Hathras Stampede Emotional Story: हाथरस की भगदड़ ने ग्वालियर की रामश्री के बच्चों को अनाथ कर दिया। पहले सिर से पिता का साया उठा था और अब मां ने मूंद ली आंखें।
- भारत
- 3 min read
Hathras Stampede Emotional Story: हाथरस में मची भगदड़ में अबतक 121 लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों में ग्वालियर की एक महिला भी शामिल है। जाऩकारी के अनुसार महिला के पांच बच्चे हैं, जिनमें तीन बेटे और दो बोटियां शामिल है। मृतिका का नाम रामश्री जाटव है। इनके पति की पहले ही मौत हो चुकी है। उनके जाने से बच्चों के सिर से माता और पिता दोनों का साया उठ गया है। हाथरस की इस घटना ने ना जाने कितने परिवार को उजाड़ दिया। हाथरस की घटना ने ग्वालियर के इस परिवार की हंसती खेलती दुनिया को मातम में बदल दिया। सालों पहले पिता का साया बच्चों के सिर से उठ गया था और अब मां ने भी आंखें हमेशा के लिए बंद कर ली।
रामश्री के बच्चों ने साल 2013 में अपने पिता को खो दिया और अब अपनी मां के प्यार से भी वंचित हो गए। सभी बच्चे अविवाहित है, वहीं उनकी मौत से घर परिवार में मातम पसरा हुआ है। जो जानकारी सामने आई है, उसके अनुसार रामश्री सोमवार देर रात एक कार से अपनी 7-8 सहेलियों के साथ सत्संग में शामिल होने हाथरस गईं थीं।
सालभर पहले सत्संग से जुड़ी थीं रामश्री
बता दें, रामश्री महज सालभर पहले ही आश्रम से जुड़ी थी और इसी साल भर से उन्होंने सत्संग में जाना शुरू किया था। वो थाटीपुर क्षेत्र में जगजीवन नगर की रहने वाली थीं और इनकी उम्र 45 साल थी। भगदड़ में कुचलने से रामश्री की दर्दनाक मौत हो गई थी।
आज हुआ अंतिम संस्कार
रामश्री का शव आज ग्वालियर पहुंचा, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया। रामश्री के अलावा उनकी सभी सहेलियां सुरक्षित हैं। मृतक के बेटे पंकज ने बताया कि उनकी मां अपनी 7,8 सहेलियों के साथ सत्संग में शामिल होने गईं थीं, लेकिन वो यह नहीं जानते वे किन महिलाओं के साथ ग्वालियर से रवाना हुईं थीं। साल 2013 में उनके पिता दयाल सिंह की असमय मौत हो गई थी।
Advertisement
पेशे से ऑटो ड्राइवर थे पिता
दयाल सिंह पेशे से ऑटो ड्राईवर थे। परिवार में तीन भाई और दो बहनें हैं, जिनकी जिम्मेदारी अब उनके कंधों पर है। पंकज ने बताया कि उनके सभी भाई-बहन अविवाहित हैं। मंगलवार शाम उन्हें सूचना मिली थी कि उनकी मां रामश्री जाटव की सत्संग के बाद हुई भगदड़ में कुचलने से मौत हो गई। इसके बाद वे हाथरस पहुंच गए थे और बुधवार दोपहर उनका शव एंबुलेंस से ग्वालियर लाया गया, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया। पंकज की सरकार से कोई मांग नहीं है।
इसे भी पढ़ें: ना शहीद का दर्जा, ना मुआवजा...राहुल गांधी के आरोपों पर सेना ने दिया जवाब; राजनाथ सिंह ने दिखाया आइना
Advertisement
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 4 July 2024 at 14:33 IST