अपडेटेड 29 December 2025 at 14:08 IST

Unnao Rape Case: 'ये जीत नहीं, बस पीड़िता को सांस लेना का मौका मिला है, इतने अत्याचार...', पीड़िता के वकील ने क्या-क्या कहा?

उन्नाव रेप केस की पीड़िता के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई, मगर उन्होंने CBI के स्टैंड पर सवाल भी उठाया। वकील ने कहा कि यह जीत नहीं है, बस पीड़िता को सांस लेना का मौका मिला है।

Follow : Google News Icon  
Unnao Rape Case
पूर्व BJP विधायक कुलदीप सिंह सेंगर | Image: ANI

उन्नाव रेप केस में पूर्व BJP विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा को निलंबित कर दिया गया था। इसके साथ ही आरोपी को सशर्त जमानत भी दे दी गई थी। मगर SC के फैसले के बाद अब सेंगर की जमानत पर तलवार लटक गई है। वहीं, कोर्ट के फैसले पर पीड़ित पक्ष के वकील ने खुशी जताई है,मगर CBI के स्टैंड पर सवाल उठाया है।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें 2017 के उन्नाव रेप केस में एक नाबालिग लड़की के साथ रेप के मामले में बीजेपी से निकाले गए नेता कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा को सस्पेंड कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ CBI की अपील पर सेंगर को नोटिस भी जारी किया है। CJI सूर्यकांत, जस्टिस जेके महेश्वरी और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की वेकेशन बेंच ने याचिका पर सुनवाई की।

इसे जीत नहीं कहा जा सकता-वकील महमूद प्राचा 

उन्नाव रेप केस की पीड़िता के वकील महमूद प्राचा ने कहा, "मैं पीडिता को भरोसा दिला सकता हूं कि हमें थोड़ी राहत मिली है। इसे जीत नहीं कहा जा सकता, लेकिन हमें थोड़ी सांस लेने का समय मिला है। CBI ने बहुत सीमित मुद्दे पर स्टैंड लिया और हमारे सबसे मजबूत तर्कों को सामने नहीं रखा। CBI ने हमसे बिल्कुल भी सलाह नहीं ली। पीड़ित के पक्ष में इतने सबूत हैं कि कोई भी कोर्ट उसके सपोर्ट में फैसला देगा। कोर्ट ने मुख्य बातों पर हमारी बात नहीं सुनी। CBI ने केस के सिर्फ ऊपरी हिस्से पर बात की है। पूरा मामला हमारे पास है। CBI ने हमें इस केस में पार्टी नहीं बनाया। हम इस फैसले को पीड़ित की जीत नहीं मान सकते।"

आरोपी की जेल से रिहाई नहीं होगी- वकील हेमंत मौर्य 

वहीं, पीड़ित पक्ष के एक और वकील हेमंत कुमार मौर्य ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा, "मैं आज सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देना चाहता हूं। पीड़िता भी अपनी कृतज्ञता व्यक्त करना चाहती है। सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों को एक सख्त आदेश जारी किया है कि आरोपी को किसी भी हालत में जेल से रिहा नहीं किया जाएगा, और राहत देने वाले आदेश पर रोक लगा दी गई है। विपक्ष को जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए समय दिया गया है, और तब तक, उसे किसी भी हालत में जेल से रिहा नहीं किया जाएगा। यह सुप्रीम कोर्ट का आदेश है, और हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी गई है।"

Advertisement

हाई कोर्ट का आदेश गलत था-योगिता भयाना 

उन्नाव रेप मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर महिला एक्टिविस्ट योगिता भयाना ने कहा, "मुझे खुशी है। मैं सत्यमेव जयते ही बोलना चाहूंगी। सुप्रीम कोर्ट ने बहुत गंभीरता से मामले को देखा है। हमें इसकी सराहना करनी चाहिए। हाई कोर्ट का आदेश गलत था। सुप्रीम कोर्ट ने इसे समझा और कई बिन्दू बताए हैं। पीड़िता को सुरक्षा मिली हुई है। उसके परिवार के लिए भी हम सुरक्षा की मांग करेंगे।"

सेंगर को मिली थी उम्रकैद की सजा 

बता दें कि 2017 में उन्नाव में एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार का आरोप कुलदीप सिंह सेंगर पर लगा था। तब वे BJP के विधायक थे। पीड़िता ने आरोप लगाया कि सेंगर ने अपनी ताकत का दुरुपयोग कर उन्हें अगवा किया और रेप किया। मामले में CBI जांच हुई और दिसंबर 2019 में दिल्ली की एक ट्रायल कोर्ट ने सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही पोक्सो एक्ट और आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया। 23 दिसंबर 2025 को दिल्ली हाईकोर्ट ने सेंगर की सजा निलंबित कर सशर्त जमानत थी। कोर्ट के इस फैसले की हर तरफ आलोचना होने लगी, इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। 

Advertisement

यह भी पढ़ें: BIG BREAKING: अरावली ऑर्डर पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाया स्टे

Published By : Sujeet Kumar

पब्लिश्ड 29 December 2025 at 14:08 IST