अपडेटेड 5 September 2024 at 11:14 IST
Kolkata Doctor Rape: 'ममता हर हथकंडे अपना रही, क्योंकि उनके घर के...', केंद्रीय मंत्री का बड़ा आरोप
कोलकाता रेप केस को लेकर केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने CM ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने ममता से भी CBI की पूछताछ की मांग की है।
- भारत
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कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप के बाद हत्या की घटना को लेकर विरोध-प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा था। बुधवार शाम को भी घटना के विरोध में कोलकाता में लोगों ने एक घंटे तक लाइट बंद रखीं और कैंडल मार्च निकाला।इस विरोध-प्रदर्शन का आह्वान करने वाले ‘पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट’ ने इसे ‘लेट देयर बी लाइट, लेट देयर बी जस्टिस’ का नाम दिया था। इस प्रदर्शन में केंद्रीय मंत्री सुंकात मजूमदार भी शामिल हुए।
केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार कोलकाता रेप केस में न्याय की मांग को लेकर बुधवार देर शाम सड़कों पर उतरें। लेट देयर बी लाइट, लेट देयर बी जस्टिस को लेकर मंत्री ने कहा, ये सोसायटी का आंदोलन है। हम सोसायटी के पीछे खड़े हैं। पूरा बंगाल सुप्रीम कोर्ट के ऊपर नजरें टिकाए हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट आगे बहुत कुछ तय करेगा। इस दौरान उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, इस केस में बचने के लिए ममता बनर्जी हर हथकंडे अपना रहीं हैं, क्योंकि उनके घर के लोग फंसे हैं। ममता बनर्जी के साथ भी पूछताछ होनी चाहिए।
लेट देयर बी लाइट, लेट देयर बी जस्टिस
बता दें कि कोलकाता में बुधवार शाम को नागरिक एकजुटता का एक अनूठा और शक्तिशाली प्रदर्शन देखने को मिला, जब आरजी कर अस्पताल में महिला चिकित्सक की हत्या के विरोध में यहां के निवासियों ने रात 9 बजे से 10 बजे तक एक घंटे के लिए अपने घरों की लाइट बंद कर दीं और सड़कों पर कैंडल मार्च निकाला। सुप्रीम कोर्ट में पांच सितंबर को होने वाली सुनवाई से ठीक पहले यह विरोध-प्रदर्शन आयोजित किया गया है।
कोलकाता की सड़कों पर छाया अंधेरा
पश्चिम बंगाल के कई जिलों में भी देर शाम को सड़कों पर उतरकर लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया, जिसमें मशालें, मोमबत्तियां और यहां तक कि मोबाइल फोन की लाइट जलाकर आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की पीड़िता के लिए न्याय की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि इस मामले का शीघ्र निपटारा किया जाए ताकि न्याय में और देरी न हो। इस मामले की सुनवाई वर्तमान में उच्चतम न्यायालय की पीठ द्वारा की जा रही है।
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Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 5 September 2024 at 10:36 IST