अपडेटेड 27 February 2025 at 09:50 IST

वक्फ विधेयक के संसद में पारित होने का रास्ता साफ, कैबिनेट ने बिल में प्रस्तावित बदलावों को दी मंजूरी

Waqf Bill: संसद में जल्द वक्फ विधेयक को पेश किया जा सकता है। सूत्र बता रहे हैं कि केंद्रीय कैबिनेट ने वक्फ विधेयक में प्रस्तावित बदलावों को मंजूरी दे दी है।

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Parliament session
अगले सत्र में संसद में वक्फ विधेयक को पेश किया जा सकता है। | Image: Sansad TV

Waqf Bill: संसद में जल्द वक्फ विधेयक को पेश किया जा सकता है। सूत्र बता रहे हैं कि केंद्रीय कैबिनेट ने वक्फ विधेयक में प्रस्तावित बदलावों को मंजूरी दे दी है और आगामी बजट सत्र के दूसरे चरण में इस बिल को संसद में पटल पर रखा जा सकता है। विधेयक में वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन करने वाले केंद्रीय और राज्य वक्फ बोर्डों को विनियमित करने वाले कानूनों में 44 बदलावों का प्रस्ताव है। उम्मीद है कि केंद्र सरकार बजट सत्र के दूसरे चरण में संशोधित विधेयक को मंजूरी के लिए संसद में पेश करेगी।

बताया जा रहा है कि विपक्षी सांसदों के सुझाए सभी संशोधनों को खारिज किया गया है, जबकि सत्तापक्ष के सदस्यों के प्रस्तावित संशोधनों को स्वीकार कर लिया गया है। केंद्रीय कैबिनेट ने संयुक्त संसदीय समिति यानी JPC की तरफ से किए गए 14 बदलावों को स्वीकार किया है। विपक्ष के पिछले दिनों जेपीसी रिपोर्ट को लेकर सवाल उठाए थे और उनके विचारों को इसमें शामिल नहीं करने के आरोप लगाए थे।

संसद के बजट सत्र में रखी गई JPC रिपोर्ट

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू अगस्त 2024 में लोकसभा में वक्फ विधेयक लेकर आए थे, जिसे पेश किए जाने के बाद JPC को भेजा गया था। जेपीसी में बीजेपी और सहयोगी दलों के 16 सांसद थे, जबकि विपक्ष के 10 सांसद थे। 655 पन्नों की रिपोर्ट फरवरी महीने की शुरुआत में संसद के दोनों सदनों में पेश की गई थी। बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल और संजय जायसवाल ने लोकसभा में जेपीसी रिपोर्ट को पेश किया था। उन्होंने संयुक्त समिति के समक्ष दिए गए साक्ष्यों का रिकॉर्ड भी सदन के पटल पर रखा। राज्यसभा में मेधा कुलकर्णी ने जेपीसी रिपोर्ट को पेश किया था।

संसदीय पैनल ने रिपोर्ट को बहुमत से स्वीकार कर लिया, जबकि पैनल में शामिल विपक्षी दलों के सभी 11 सांसदों ने रिपोर्ट पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने असहमति नोट भी पेश किए थे। जेपीसी रिपोर्ट सदन में रखे जाने के समय इस पर काफी हंगामा हुआ था। विपक्ष के सदस्यों ने सरकार पर बड़े आरोप लगाए थे। उसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया था कि रिपोर्ट में विपक्ष के असहमति नोट को रखे जाने से कोई आपत्ति नहीं है।

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वक्फ विधेयक के लागू होने से क्या बदलेगा?

विधेयक में किसी भी वक्फ संपत्ति के लिए जिला कलेक्टर कार्यालय में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने का प्रस्ताव है, ताकि संपत्ति का मूल्यांकन किया जा सके। इसमें ये भी कहा गया है कि 'इस अधिनियम के लागू होने से पहले या बाद में वक्फ संपत्ति के रूप में पहचानी गई या घोषित की गई कोई भी सरकारी संपत्ति वक्फ संपत्ति नहीं मानी जाएगी'। जिला कलेक्टर ये तय करने वाला मध्यस्थ होगा कि कोई संपत्ति वक्फ संपत्ति है या सरकारी भूमि और ये निर्णय अंतिम होगा। एक बार निर्णय लेने के बाद कलेक्टर राजस्व रिकॉर्ड में आवश्यक परिवर्तन कर सकता है और राज्य सरकार को एक रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकता है। विधेयक में ये भी कहा गया है कि कलेक्टर की ओर से राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट पेश करने तक ऐसी संपत्ति को वक्फ संपत्ति नहीं माना जाएगा।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 27 February 2025 at 09:14 IST