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Published 00:07 IST, September 26th 2024

संयुक्त राष्ट्र अतीत में ‘अटका’ हुआ है, ‘ग्लोबल साउथ’ को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता : जयशंकर

संयुक्त राष्ट्र के अतीत में ‘‘अटके’’ रहने का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि ‘ग्लोबल साउथ’ के देशों को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

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EAM S Jaishankar
EAM S Jaishankar | Image: PTI

संयुक्त राष्ट्र के अतीत में ‘‘अटके’’ रहने का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को कहा कि ‘ग्लोबल साउथ’ के देशों को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता तथा संशोधित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी श्रेणी में उनका उचित प्रतिनिधित्व विशेष रूप से आवश्यक है।

जयशंकर ने ये टिप्पणियां जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों की एक बैठक में ‘‘एक न्यायपूर्ण विश्व और एक टिकाऊ ग्रह का निर्माण’’ विषय पर कीं।

जयशंकर ने कहा, ‘‘दुनिया एक परस्पर जुड़े हुए और बहुध्रुवीय क्षेत्र में तब्दील हो गई है और संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के बाद से इसके सदस्यों की संख्या चार गुना बढ़ गई है। फिर भी संयुक्त राष्ट्र अतीत में अटका हुआ है।’’

उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अंतरराष्ट्रीय शांति एवं स्थिरता बनाए रखने के अपने संकल्प को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रही है, जिससे इसकी प्रभावशीलता और विश्वसनीयता प्रभावित होती है।

संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि ‘‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता की दोनों श्रेणियों में विस्तार सहित अन्य सुधारों के बिना’’ 15 देशों के इस निकाय की प्रभावशीलता में कमी बरकरार रहेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘स्थायी श्रेणी में विस्तार और उचित प्रतिनिधित्व एक विशेष अनिवार्यता है। ग्लोबल साउथ - एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका - को लगातार नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।’’

जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि वास्तविक परिवर्तन होना चाहिए और वह भी तेजी से।

भारत सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए वर्षों से किए जा रहे प्रयासों में अगुवा रहा है, जिसमें इसकी स्थायी और अस्थायी दोनों श्रेणियों में विस्तार शामिल है।

भारत का कहना है कि 1945 में स्थापित 15 देशों की सुरक्षा परिषद 21वीं सदी के उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है और समकालीन भू-राजनीतिक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करती। दिल्ली ने इस बात पर जोर दिया है कि वह सही मायने में सुरक्षा परिषद की स्थायी सीट का हकदार है।

Updated 00:07 IST, September 26th 2024