अपडेटेड 2 July 2023 at 07:34 IST

Tulsi Puja Ke Niyam: आखिर क्यों रविवार और एकादशी के दिन मां तुलसी को नहीं चढ़ाया जाता जल, जानें वजह

अक्सर आपने देखा और सुना होगा कि रविवार के दिन तुलसी के पौधे को जल नहीं चढ़ाया जाता कहते हैं, लेकिन क्या आप इसके पीछे की वजह जानते हैं? नहीं तो चलिए हम बताते हैं। 

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Raviwaar Ko Tulsi Me Jal Kyu Nahi Chadhate Hai
Raviwaar Ko Tulsi Me Jal Kyu Nahi Chadhate Hai | Image: self

Raviwaar Ko Tulsi Me Jal Kyu Nahi Chadhate Hai: हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को पवित्र और पूजनीय माना गया है। कहा जाता है कि इसमें माता लक्ष्मी का वास होता है, यही वजह है कि लगभग हर हिंदू घर में तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है। सुबह के समय में तुलसी के पौधे में जल चढ़ाकर उनकी परिक्रमा की जाती हैं तो शाम के समय में लोग पौधे के सामने दीपक जलाकर सुख शांति की कामना करते हैं, लेकिन अक्सर आपने देखा और सुना होगा कि रविवार के दिन तुलसी के पौधे को जल नहीं चढ़ाया जाता हैं, कहते हैं कि इस दिन तुलसी जी को छूना पूरी तरह से वर्जित होता है। क्या आप इसके पीछे की वजह जानते हैं नहीं तो चलिए आज हम आपको इसके बारे में बताते हैं।

रविवार को क्यों नहीं चढ़ाना चाहिए तुलसी में जल? 

पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक तुलसी माता रविवार के दिन भगवान विष्णु जी के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। ऐसे में अगर उस दिन तुलसी जी को जल चढ़ाया जाता है तो उनका व्रत टूट जाता है। इसलिए इस दिन तुलसी को जल नहीं चढ़ाना चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो मां लक्ष्मी नाराज हो जाती है और जीवन में नकारात्मक शक्तियों का वास होने लगता है और घर में कलेश होना शुरू हो जाता है। इसके अलावा अगर आप रविवार के दिन मां तुलसी को जल चढ़ाते हैं तो वो नाराज हो जाती है और पौधा सूखने लगता है, जिससे व्यक्ति को माता की कृपा मिली बंद हो जाती है। 

एकादशी पर भूलकर भी न करें मां तुलसी से जुड़ी ये गलती

वहीं एकादशी के दिन भी तुलसी के पौधे को चल चढ़ाना वर्जित होता है। इसके पीछे की वजह मां तुलसी का विवाह है। पौरवाणिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक मास की एकादशी के दिन मां तुलसी की भगवान विष्णु के पत्थर स्वरूप शालिग्राम से विवाह हुआ था, जिसके बाद से तुलसी जी रविवार के साथ एकादशी को भी निर्जला व्रत रखती हैं। ऐसे में इन दोनों दिन अगर आप मां तुलसी को जल चढ़ाते हैं या उन्हें छूते हैं तो उनका व्रत टूट जाता है और आपको उनके क्रोध को झेलना पड़ सकता है। ऐसे में भूलकर भी इन दोनों दिन मां को जल न चढ़ाएं और न ही उनकी पत्तियां तोड़े।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

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Published By : Sadhna Mishra

पब्लिश्ड 2 July 2023 at 07:33 IST