अपडेटेड 21 December 2024 at 22:01 IST
बाल संत अभिनव अरोड़ा की भक्ति पर ट्रोलिंग, सपोर्ट में आए आचार्य पुंडरीक समेत ये धर्मगुरू
सोशल मीडिया पर बाल संत अभिनव अरोड़ा के खिलाफ चल रही ट्रोलिंग ने एक बार फिर धार्मिक और सांस्कृतिक बहस को जन्म दिया है।
- भारत
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Bal Sant Abhinav Arora: सोशल मीडिया पर बाल संत अभिनव अरोड़ा के खिलाफ चल रही ट्रोलिंग ने एक बार फिर धार्मिक और सांस्कृतिक बहस को जन्म दिया है। इस मामले में आचार्य पुंडरीक ने अपनी चिंता व्यक्त की है और इसे तर्कहीन बताया है। उन्होंने कहा कि कम उम्र में भक्ति को लेकर समाज में जो नकारात्मकता फैलाई जा रही है, वह अनुचित है।
एक हालिया पॉडकास्ट में आचार्य गोस्वामी ने ट्रोलिंग को एक व्यवसाय की तरह बताया, जिसमें ट्रोलर्स को हर कुछ समय में नए लक्ष्यों की तलाश रहती है। उन्होंने कहा कि आजकल लोग उस पर ध्यान नहीं देते हैं जो सकारात्मकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, बल्कि बुरी चीजों की ओर जल्दी आकर्षित हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि जब बच्चे अश्लील गाने गाते हैं, तो समाज चुप रहता है, लेकिन जब कोई बच्चा भक्ति करता है, तो उसे ट्रोल किया जाता है। उन्होंने अभिनव के माता-पिता को भी संवेदनशीलता बरतने की सलाह दी और कहा कि उनकी भक्ति में किसी भी प्रकार की मिलावट से उसे दूर रखना चाहिए।
इस बीच, अभिनव अरोड़ा के समर्थन में कई धर्मगुरु और कथावाचक सामने आए हैं। बीते दिनों, चर्चित कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने भी लोगों से अपील की है कि वे बच्चे के पीछे न पड़ें और उसकी भक्ति को समझें। वो कुछ अच्छा कर रहा है उसे और उसे सीखने देने में हमें मदद करनी चाहिए।
आचार्य गोस्वामी ने कम उम्र की भक्ति पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कि भक्ति का मार्ग कोई नया नहीं है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि वे स्वयं 7 साल की उम्र से कथा करते आ रहे हैं और भारतीय पौराणिक कथाओं में ध्रुव, प्रहलाद और मीरा जैसे भक्त भी कम उम्र में भक्ति के मार्ग पर आगे बढ़े थे।
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ज्ञात हो कि अभिनव का एक खाने को लेकर एक वीडियो खूब वायरल हुआ था। इस पर आचार्य पुंडरीक ने बताया कि भक्ति के मार्ग पर चल कर तामसिक भोजन का त्याग करना एक सराहनीय कदम है और कई विदेशी भक्त अब सात्विक जीवन जी रहे हैं। लोगों के असंवेदनशील व्यवहार पर उन्होंने कहा कि रियलिटी शो में छोटे बच्चे अश्लील गाने पर परफॉर्म करते हैं तो लोग तालियां बजाते हैं लेकिन कोई कृष्ण नाम का जाप कर रहा है तो लोग उसके पीछे पड़ जाते हैं।
आचार्य पुंडरीक ने बताया कि उनका डेढ़ वर्ष का बेटा है और वे चाहते हैं कि धर्म को लेकर आगे बढ़े लेकिन उन्होंने वर्तमान परिस्थिति को बहुत विचित्र बताया है। उन्होंने कहा कि कि अगर आज किसी किट्टी पार्टी में किसी का पोता “अम्मा देख तेरा मुंडा बिगड़ा जाये” गाकर सुनाए तो सब खुश होते हैं लेकिन कोई राधे- राधे बोल रहा है तो लोग उसे धर्म का धंधा कहने लगते हैं। उन्होंने भक्ति करने वाले लोगों में किसी तरह की प्रसिद्धि से दूर रहने की सलाह दी। साथ ही उन्होंने भक्ति के साथ पढ़ाई को भी जारी रखने की बात कही। आचार्य पुंडरीक की बातें समाज को जागरूक करने के लिए महत्वपूर्ण हैं, ताकि हम सकारात्मकता को बढ़ावा दें और बच्चों की भक्ति को सम्मान दें।
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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Sadhna Mishra
पब्लिश्ड 21 December 2024 at 22:01 IST