अपडेटेड 22 March 2025 at 13:11 IST
रांची में बंद को लागू कराने के लिए आदिवासी संगठन सड़कों पर उतरे, प्रशासन सतर्क
झारखंड की राजधानी रांची में सरना स्थल के पास फ्लाईओवर के निर्माण के विरोध में बंद को लागू कराने के लिए विभिन्न आदिवासी संगठनों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे।
- भारत
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Jharkhand: झारखंड की राजधानी रांची में ‘सरना स्थल’ (आदिवासियों के पवित्र धार्मिक स्थल) के पास फ्लाईओवर के निर्माण के विरोध में 18 घंटे के बंद को लागू कराने के लिए विभिन्न आदिवासी संगठनों के कार्यकर्ता शनिवार सुबह सड़कों पर उतरे।
प्रदर्शनकारियों को खास तौर पर रांची के बाहरी इलाकों में टायर जलाते और सड़कें जाम करते देखा गया। रांची में टिटला चौक के पास रांची-लोहरदगा मार्ग को बाधित कर दिया गया और बंद लागू कराने के लिए प्रदर्शनकारी शहर के कांके चौक एवं अन्य इलाकों में एकत्र हुए।
अन्य दिनों की तुलना में सुबह के समय रांची की सड़कों पर वाहनों की संख्या कम रही। प्रदर्शनकारी सिरम टोली में बनाए जा रहे ‘रैंप’ को हटाने की मांग कर रहे हैं। उनका दावा है कि इससे धार्मिक स्थल तक पहुंच बाधित होती है और वाहनों की लगातार आवाजाही के कारण इसकी पवित्रता भंग हो सकती है।
कई आदिवासी संगठनों ने शुक्रवार शाम मशाल जुलूस निकाला और बंद के लिए लोगों से समर्थन मांगा। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार ने उनकी चिंताओं को नजरअंदाज किया है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदायों के हजारों लोग सरहुल के दौरान सिरम टोली सरना स्थल पर एकत्र होते हैं, ऐसे में ‘फ्लाईओवर रैंप’ के कारण स्थल तक पहुंच बाधित होगी।
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सरहुल आदिवासियों का एक अहम उत्सव होता है। रांची पुलिस ने बंद के आह्वान को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।
प्रशासन ने संगठनों से बिना किसी को परेशानी पहुंचाए शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करने का आग्रह किया है। रांची प्रशासन ने एक बयान में कहा कि जिला प्रशासन ने सख्त निर्देश जारी किए हैं कि बंद या चक्का जाम का समर्थन करने वाले किसी भी व्यक्ति को यातायात, गणमान्य व्यक्तियों, छात्रों, शैक्षणिक संस्थानों के सदस्यों या आम जनता के लिए किसी भी तरह की बाधा या व्यवधान पैदा नहीं करना चाहिए।
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इस 2.34 किलोमीटर लंबी ‘एलिवेटेड’ सड़क के निर्माण का उद्देश्य सिरम टोली को मेकॉन से जोड़कर यातायात की आवाजाही को आसान बनाना है। इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि 340 करोड़ रुपये की यह परियोजना अगस्त 2022 में शुरू की गई थी।
Published By : Priyanka Yadav
पब्लिश्ड 22 March 2025 at 13:11 IST