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Published 19:26 IST, November 28th 2024

1993 से अब तक सीवर और सेप्टिक टैंकों की सफाई के दौरान 1,248 लोगों की मौत, सरकार ने जारी किए आंकड़े

राज्य मंत्री रामदास अठावले की ओर से राज्यसभा में साझा किए गए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, तमिलनाडु में सबसे अधिक 253 मौतें हुई हैं, इसके बाद गुजरात में 183 मौत।

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municipal corporation worker cleans the sewer
1993 से अब तक सीवर और सेप्टिक टैंकों की सफाई के दौरान 1,248 लोगों की मौत | Image: ANI

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को संसद में बताया कि 1993 से देश में सीवर और सेप्टिक टैंकों की सफाई के दौरान कुल 1,248 लोगों की मौत हुई है।

सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले की ओर से राज्यसभा में साझा किए गए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, तमिलनाडु में सबसे अधिक 253 मौतें हुई हैं, इसके बाद गुजरात में 183, उत्तर प्रदेश में 133 और दिल्ली में 116 मौतें हुई हैं।

एक अन्य सवाल के जवाब में अठावले ने कहा कि मैला ढोने की प्रथा से किसी की मौत नहीं हुई है।

यह उल्लेख करते हुए कि कोई भी व्यक्ति या एजेंसी कानूनी रूप से हाथ से मैला ढोने के लिए किसी को नियुक्त या नियोजित नहीं कर सकती है, मंत्री ने एक लिखित जवाब में कहा, ‘‘कोई भी व्यक्ति या एजेंसी किसी भी व्यक्ति को हाथ से मैला ढोने के लिए संलग्न करता है तो यह एमएस अधिनियम, 2013 के प्रावधानों का उल्लंघन होगा और इसकी धारा 8 के तहत दो साल तक कारावास या 1 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों के साथ दंड का भागी होगा।’’

उन्होंने कहा कि जिलों से हाथ से मैला ढोने की प्रथा की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Updated 19:26 IST, November 28th 2024