अपडेटेड 21 January 2025 at 13:31 IST
Sambhal Violence: संभल दंगों की जांच के लिए न्यायिक आयोग ने मौके का दौरा कर सुनवाई शुरू की
पिछले साल के अंत में गठित आयोग ने शाही जामा मस्जिद क्षेत्र सहित इन स्थानों का फिर से दौरा किया, जहां 24 नवंबर को हिंसा हुई थी।
- भारत
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उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित न्यायिक आयोग ने 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुए दंगों से प्रभावित इलाकों का मंगलवार को निरीक्षण किया और लोगों के बयान दर्ज करने के लिए सुनवाई शुरू की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
पिछले साल के अंत में गठित आयोग ने शाही जामा मस्जिद क्षेत्र सहित इन स्थानों का फिर से दौरा किया, जहां 24 नवंबर को हिंसा हुई थी। न्यायिक आयोग में उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश देवेंद्र अरोड़ा, उप्र के पूर्व पुलिस महानिदेशक अरविंद कुमार जैन और राज्य के पूर्व अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद शामिल हैं। सरकार ने आयोग का गठन दंगों की जांच करने और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए किया है। इसके पहले भी आयोग ने संभल का दौरा किया था।
आयोग के प्रतिनिधिमंडल के साथ जिलाधिकारी (डीएम) राजेंद्र पेंसिया, पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार विश्नोई और मुरादाबाद रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) मुनिराज जी भी थे। आयोग के सदस्यों के नेतृत्व में टीम ने एक घंटे से अधिक समय तक व्यापक निरीक्षण किया। इसके बाद, उन्होंने संभल में चंदौसी रोड पर पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में पहुंचकर सुनवाई शुरू की। आयोग के सदस्य आज शाम चार बजे तक लोगों का बयान दर्ज करेंगे।
पत्रकारों से बात करते हुए आयोग के सदस्य और पूर्व डीजीपी अरविंद कुमार जैन ने कहा, "हमने यह शिविर इसलिए लगाया है ताकि जो लोग अपना पक्ष रखना चाहते हैं और जानकारी देना चाहते हैं, उन्हें लखनऊ न जाना पड़े। यह उनकी सुविधा के लिए है। हम उनकी बात सुनने के लिए 4-5 घंटे यहां रहेंगे।"
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जांच का उद्देश्य दंगों के कारणों का पता लगाना और प्रभावित लोगों से प्रासंगिक साक्ष्य जुटाना है। 24 नवंबर की हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी, जबकि सुरक्षाकर्मियों सहित कई अन्य घायल हो गए थे। इस घटना को लेकर सत्तारूढ़ दल और विपक्षी दलों के बीच राजनीतिक टकराव तेज हो गया था।
Published By : Ritesh Kumar
पब्लिश्ड 21 January 2025 at 13:31 IST