अपडेटेड 28 July 2024 at 21:06 IST

AI के खतरों के बीच संसद में निजी विधेयक पेश करेगी TMC, जानिए क्या हैं इसके मायने

West Bengal News: कार्यस्थल पर एआई प्रौद्योगिकियों के उपयोग में पारदर्शिता की वकालत की गई है।

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TMC | Image: PTI

West Bengal News: कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) से नौकरियों के प्रभावित होने की वैश्विक चिंताओं के बीच तृणमूल कांग्रेस की सांसद मौसम नूर कर्मियों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए एक निजी सदस्य विधेयक संसद में पेश करने वाली हैं।

नूर ने कार्यस्थल पर एआई प्रौद्योगिकियों के उपयोग में पारदर्शिता की वकालत की है ताकि भर्ती व प्रोन्नति में पक्षपात और भेदभाव को रोका जा सके।

नूर इस संदर्भ में राज्यसभा में गैर सरकारी विधेयक के रूप में कार्यबल अधिकार (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) विधेयक, 2023 पेश करने जा रही हैं। यह सूचीबद्ध विधेयक कहता है कि जैसे-जैसे एआई कार्यस्थल पर तेजी से एकीकृत होता जा रहा है, श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए कानूनों को भी उसके अनुरूप करना चाहिए।

विधेयक में किसी संगठन के द्वारा एआई का उपयोग किए जाने की स्थिति में कर्मचारी के अधिकारों के बारे में बताया गया है। यह कहता है कि सरकार को कार्यस्थल के भीतर एआई प्रौद्योगिकियों के उपयोग में पारदर्शिता सुनिश्चित करनी चाहिए और कर्मचारियों को केवल एआई-जनित प्रक्रियाओं पर आधारित कार्यों या निर्णयों को 'मना करने का अधिकार' देना चाहिए, यदि उन्हें लगता है कि यह उनके अधिकारों या नैतिक मानकों का उल्लंघन करता है।

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यह विधेयक एआई कार्यान्वयन से प्रभावित कर्मचारियों के लिए पर्याप्त प्रशिक्षण और कौशल बढ़ाने के अवसर प्रदान करने और डेटा सुरक्षा और व्यक्तिगत जानकारी की गोपनीय ‘हैंडलिंग’ सहित कर्मचारी गोपनीयता अधिकारों की सुरक्षा प्रदान करने का भी प्रयास करता है।

विधेयक में कहा गया है कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नियोक्ता एआई को लागू करने से पहले उन कर्मचारियों से सहमति ले जिनके काम या अधिकारों को यह सीधे प्रभावित करता है।

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इसमें निष्पक्षता और अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर 'समानता प्रभाव मूल्यांकन' की भी मांग की गई है।

नूर ने ‘डीपफेक’ पर एक और विधेयक सूचीबद्ध किया है, जिसमें डिजिटल रूप से छेड़छाड़ करके बनाए गए फर्जी वीडियो को सोशल मीडिया मंचों पर प्रसारित करने को अपराध की श्रेणी में लाने की मांग की गई है।

विधेयक कहता है कि कोई भी व्यक्ति, जो परेशान करने, अपमानित करने या हिंसा या शारीरिक नुकसान पहुंचाने के इरादे से ‘डीपफेक’ बनाता है, वितरित करता है, प्रसारित करता है या साझा करता है, वह एक आपराधिक अपराध का दोषी होगा।

पिछले सप्ताह संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 में कहा गया है कि एआई के आगमन ने सभी कौशल स्तरों पर श्रमिकों के भविष्य को ‘अनिश्चितता’ में डाल दिया है।

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 28 July 2024 at 21:06 IST