अपडेटेड 4 October 2024 at 12:06 IST

तिरुपति लड्डू विवाद: राज्य सरकार की SIT नहीं करेगी जांच, सुप्रीम कोर्ट ने नई SIT बनाई

तिरुपति बालाजी प्रसाद बनाने में प्रयोग होने वाले घी में मिलावट के आरोपों की जांच राज्य सरकार की SIT नहीं करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने नई एसआईटी गठन की है।

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Supreme Court formed a new SIT to investigate the Tirupati Laddu controversy
तिरुपति लड्डू विवाद की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने नई SIT बनाई | Image: ANI/PTI

Tirupati Temple Laddu Case: तिरुपति लड्डू विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। अब तिरुपति बालाजी प्रसाद बनाने में प्रयोग होने वाले घी में मिलावट के आरोपों की जांच राज्य सरकार की SIT नहीं करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने नई एसआईटी गठन की है, जो मामले की जांच करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि इस एसआईटी जांच की निगरानी CBI डायरेक्टर करेंगे।

तिरुपति मंदिर लड्डू प्रसाद विवाद को लेकर दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि एसआईटी में सीबीआई के दो अधिकारी शामिल होंगे, जिन्हें सीबीआई निदेशक की ओर से नामित किया जाएगा। उसके अलावा टीम में आंध्र प्रदेश राज्य पुलिस के दो अधिकारी, जिन्हें राज्य सरकार नामित करेगी और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) का एक वरिष्ठ अधिकारी शामिल होगा। कोर्ट ने कहा कि एसआईटी जांच की निगरानी सीबीआई निदेशक की ओर से की जाएगी।

'अदालत को सियासी मैदान के रूप में इस्तेमाल नहीं होने देंगे'

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वो तिरुमाला मंदिर देवता के करोड़ों भक्तों की भावनाओं को आहत करने के लिए आदेश पारित कर रहा है और उसके निर्देश को राज्य सरकार की ओर से गठित वर्तमान एसआईटी के सदस्यों की विश्वसनीयता पर प्रतिबिंब के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। अदालत ने ये भी स्पष्ट किया कि उसने मामले में आरोपों और प्रति-आरोपों के गुण-दोष पर कुछ भी नहीं देखा है। कोर्ट ने आदेश में कहा, 'हम स्पष्ट करते हैं कि हम न्यायालय को राजनीतिक युद्ध के मैदान के रूप में इस्तेमाल नहीं होने देंगे।'

30 सितंबर को SG से मांगा था जवाब

न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ तिरुपति लड्डू विवाद की अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। पिछली सुनवाई (30 सितंबर) पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की ओर से की गई सार्वजनिक टिप्पणियों की आलोचना करने के बाद अदालत ने सेंट्रल जांच की जरूरत पर केंद्र सरकार का सुझाव मांगा था। भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शुक्रवार को मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि अगर आरोपों में सच्चाई का कोई तत्व है, तो ये अस्वीकार्य है। साथ ही एसजी ने कहा कि राज्य सरकार की SIT के सदस्य सक्षम और स्वतंत्र हैं। हालांकि एसजी ने सुझाव दिया कि एसआईटी की जांच की निगरानी केंद्र सरकार के अधिकारियों से कराई जा सकती है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी गठित की।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 4 October 2024 at 11:18 IST