अपडेटेड 10 October 2024 at 23:43 IST
पंजाब और पश्चिम उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई
पंजाब और पश्चिम UP के दिल्ली से लगे क्षेत्रों में खेतों में आग लगाए जाने की घटनाओं में नौ अक्टूबर तक की पिछले चार वर्षों में समान अवधि की तुलना में कमी आई।
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पंजाब और पश्चिम उत्तर प्रदेश के दिल्ली से लगे क्षेत्रों में खेतों में आग लगाए जाने की घटनाओं में नौ अक्टूबर तक की पिछले चार वर्षों में समान अवधि की तुलना में कमी आई है।
बृहस्पतिवार को राजधानी में वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ श्रेणी में रही।
हरियाणा में भी खेतों में कृषि अवशेषों को जलाने की घटनाओं में पिछले सालों की तुलना में कमी आई है।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के विश्लेषण के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण सर्दियों के मौसम में चरम पर होता है और पंजाब तथा हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं से स्थिति और खराब हो जाती है।
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उपग्रहों से संकलित आंकड़े दिखाते हैं कि बुधवार को पंजाब में पराली जलाने की 33, हरियाणा में 10, उत्तर प्रदेश में 10 घटनाएं सामने आईं और दिल्ली में ऐसा कोई वाकया नहीं हुआ।
पंजाब में 15 सितंबर से नौ अक्टूबर के बीच पराली जलाने की कुल 267 घटनाएं घटीं, वहीं हरियाणा में 187 और उत्तर प्रदेश में 77 ऐसे मामले आए।
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आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले चार वर्षों की तुलना में पराली जलाने की घटनाओं में, खासकर पंजाब और उत्तर प्रदेश में उल्लेखनीय कमी आई है।
पंजाब में 2024 में इस अवधि के दौरान 267 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2023 में 1,027, 2022 में 714 और 2021 में 614 मामले दर्ज किए गए।
इसी तरह, उत्तर प्रदेश में इस साल नौ अक्टूबर तक खेतों में अवशेषों को जलाने की 77 घटनाएं दर्ज की गईं, जो 2023 में 151, 2022 में 80 और 2021 में 96 थीं।
आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा में इस साल नौ अक्टूबर तक पराली जलाने की कुल 187 घटनाएं दर्ज की गई हैं, जबकि 2023 में यह संख्या 291 थी।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम 4 बजे 134 के स्तर पर था जो ‘मध्यम’ श्रेणी में रहा।
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 10 October 2024 at 23:43 IST