अपडेटेड 24 October 2023 at 17:15 IST

हाथ में कलेवा बांधने के हैं कई लाभ, बदल जाता है जीवन; आती है खुशहाली

kalewa ke labh : अगर आप भी अपने हाथ में कलेवा बांधते हैं तो आपको इसके लाभ और नियम जान लेने चाहिए।

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कलेवा बांधने का महत्व (फोटो : Shutterstcok)
कलेवा बांधने का महत्व (फोटो : Shutterstcok) | Image: self

kalewa ke labh : कोई भी पूजा (Puja) बिना माथे पर तिलक लगाए और कलाई में कलेवा (Kalewa) बांधे न शुरू होती है न ही सम्पन्न होती है। हिंदू धर्म में व्यक्ति की कलाई पर कलेवा बांधने का बहुत महत्व होता है। आपने अक्सर देखा होगा कि किसी भी पूजा-पाठ के समय पंडित जी पूजा में मौजूद हर व्यक्ति की कलाई पर कलेवा जरूर बांधते हैं।

स्टोरी में आगे पढ़ें...

  • क्या है कलेवा बांधने का महत्व? 
  • क्यों बांधा जाता है कलेवा? 
  • जानिए कलेवा के लाभ

ऐसा इसलिए है क्योंकि कलेवा हमारे जीवन को प्रभावित करता है। अगर आप भी अपनी कलाई पर कलेवा बांधते हैं तो आपको इसके महत्वों के बारे में जरूर जान लेना चाहिए। आइए जानते हैं कलाई में कलेवा बांधने के महत्व के बारे में।

कलेवा बांधने के लाभ  (Importance of Kalewa)

  • कलेवा बांधने से मनुष्य के जीवन में उत्पन्न हो रही कठिनाईयों का नाश होता है।
  • कलेवा बांधने से घर परिवार और व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होता है।   
  • शास्त्रों के अनुसार कलेवा बांधने से ब्रह्मा, विष्णु और महेश का आशीर्वाद मिलता है। 
  • जो लोग कलेवा बांधकर रखते हैं उन पर मां सरस्वती, लक्ष्मी और पार्वती की कृपा  बनी रहती है।
  • कलेवा बांधने से बुरी शक्तियां और नेगेटिव एनर्जी दूर रहती हैं। 
  • इससे आपके जीवन में खुशहाली आती है और आप हमेशा पॉजिटिव महसूस करते हैं।
  • वहीं, कलेवा बांधने का धार्मिक महत्व ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक महत्व भी है। विज्ञान के अनुसार, कलाई पर बंधने वाला कलेवा नसों को नियंत्रित करता है। जो हेल्थ केल लिए अच्छा है
  • कलेवा बांधने से वात, पित्त और कफ की परेशानी नहीं होती है। 


कलेवा बांधने के नियम

  • कलेवा बांधते हुए हमेशा "येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:, तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:" मंत्र का जाप किया जाता है।
  • पुराने कलेवा को बदलने के लिए मंगलवार या फिर शनिवार का दिन शुभ होता है। इसलिए आप इसे इन दो दिनों पर ही बदलें। 
  • इस बात का ध्यान रखें कि पुराने कलेवा का इधर-उधर नहीं फेंकें, इसे किसी नदी में प्रवाहित करें।
  • शादी शुदा महिला को बाएं हाथ में और पुरुषों और कन्याओं को दाएं हाथ में कलेवा बांधा जाता है। 

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 24 October 2023 at 17:15 IST