अपडेटेड 2 February 2023 at 09:19 IST
2 february In History : आज के दिन से शुरू हुई थी दुनिया की सबसे बड़ी रोजगार योजना! जानिए कौन थे MGNREGA के संस्थापक
मनरेगा में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए एक मोबाइल ऐप नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया था। इसके जरिए श्रमिकों की उपस्थिति को दर्ज कराने में मदद मिली है।
- भारत
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On This Day In History: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act) ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा लागू किया गया है और सरकार के सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में से एक है। इस योजना के तहत सरकार सीधे गरीबों तक पहुंच सकती है और विकास के लिए विशेष प्रोत्साहन दिया जाता है। इस अधिनियम के तहत प्रत्येक ग्रामीण परिवार को एक वित्तीय वर्ष में 100 दिनों के लिए गारंटीकृत मजदूरी/रोजगार प्रदान किया जाता है।
यह अधिनियम 2 फरवरी 2006 को लागू हुआ था। जानकारी के अनुसार 2006-07 में प्रथम चरण में यह योजना 27 राज्यों के 200 जिलों में लागू की गई थी। यह योजना अप्रैल 2008 से पूरे देश में लागू है।
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जानिए क्या है MGNREGA के नियम
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साल 2023 की शुरुआत में 1 जनवरी से कुछ अहम बदलाव किए (rules of MGNREGA) गए है। इसमें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) से जुड़ा नियम भी बदले है। जानकारी के मुताबिक सरकार (Modi Government) मनेरगा में काम करने वाले मजदूरों के लिए डिजिटल अटेंडेंस करने वाली है। नया नियम 1 जनवरी से लागू हो गया है। सरकार का मकसद डिजिटल उपस्थिति के जरिए योजना से जुड़ी पारदर्शिता को और बेहतर करना है। इससे पहले साल 2021 में एक पायलट प्रोजेक्ट भी शुरू किए थे।
MGNREGA के लिए बढ़ेगी पारदर्शिता
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केंद्र सरकार ने मई 2021 में मनरेगा में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए एक मोबाइल ऐप नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया था। इसके जरिए श्रमिकों की उपस्थिति को दर्ज कराने में मदद मिली है। इस प्रोजेक्ट की सफलता को देखते हुए 16 मई 2022 से 20 या उससे ज्यादा मजदूरों वाले सभी कार्यस्थलों के लिए ऐप के जरिए अटेंडेंस को अनिवार्य कर दिया गया।
किसने की थी मनरेगा की शुरुआत
रघुवंश प्रसाद सिंह को बिहार की राजनीति में कर्पूरी ठाकुर के जमाने नेता थे। लेकिन, 90 के दशक से उन्होंने अगड़ी जाति (राजपूत) का नेता होकर भी पिछड़ी जाति की राजनीति की और 32 वर्षों तक लालू जैसे नेता के पीछे हर परिस्थियों में चट्टान बनकर खड़े रहे। लेकिन, उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में तब बड़ी पहचान मिली जब 2005 में वह यूपीए-1 में मनमोहन सिंह सरकार की सबसे बहुप्रचारित कल्याणकारी योजना नेशनल रूरल एम्पलॉयमेंट गारंटी स्कीम (मनरेगा) के मुख्य वास्तुकार बने।इस योजना ने देश के सोशल सेक्टर के लिए सोचने का सरकार का नजरिया बदल दिया है। यही नहीं, विकलांगों, विधवा और बुजुर्गों के लिए पेंशन योजना लागू करवाने में भी इनकी अहम भूमिका रही है। इसके अलावा इन्हीं कार्यकाल में भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन की प्रक्रिया शुरू हुई, जिसे यूपीए के दूसरे कार्यकाल में मूर्त रूप दिया गया।
Published By : Priya Gandhi
पब्लिश्ड 2 February 2023 at 09:19 IST